देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग और सरकार से मिल रहे समर्थन के बाद अब विदेशी कंपनियों ने भी भारत का रुख किया है. दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में से एक फॉक्सकॉन भी अब इसे देखते हुए भारत का रुख कर रही है। गौरतलब है कि ताइवान की कंपनी फॉक्सकॉन कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है और यह अन्य कंपनियों के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर इलेक्ट्रिक वाहन बनाती है। अब फॉक्सकॉन ने भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की पूरी तैयारी कर ली है। शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा देने के सरकार के इस अभियान में फॉक्सकॉन भी शामिल होने जा रही है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, फॉक्सकॉन की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत सरकार कंपनी को उत्पादन इकाई स्थापित करने के लिए सहायता प्रदान करेगी। यह इकाई इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के उत्पादन में मदद करेगी। इस यूनिट की आपूर्ति दक्षिण पूर्व एशिया के बाजार में की जाएगी। इसके साथ ही अब तक एशियाई बाजार में ईवी प्रोडक्शन पर अपने दबदबे से चीन को बड़ा झटका लगने की उम्मीद है।
ताइवान जाएंगे अधिकारी
अब इलेक्ट्रिक व्हीकल की इस बड़ी योजना पर चर्चा करने के लिए फॉक्सकॉन के अधिकारियों से मिलने के लिए अब भारतीय अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल ताइवान जाने की तैयारी कर रहा है। इस दौरान देश में कैसे और कितना उत्पादन हो सकता है, इस पर चर्चा होगी। इसके साथ ही इस बैठक में कंपनी की इकाई कहां स्थापित की जा सकती है, इस संबंध में भी निर्णय लिया जा सकता है।
4 राज्यों में हुई चर्चा
2022 में फॉक्सकॉन के शीर्ष अधिकारियों ने भारत का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु और आंध्र के अधिकारियों से मुलाकात की। बैठक के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और प्लांट की स्थापना को लेकर चर्चा हुई. गौरतलब है कि एपल के आधे से ज्यादा उत्पादों के निर्माण के लिए जानी जाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन ने फरवरी 2022 में वेदांता समूह के साथ एक संयुक्त उद्यम की घोषणा की थी।