मेरठ में तैनात महिला दरोगा ने थाना प्रभारी पर लगाया उत्पीड़न का आरोप, जानिए पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में तैनात दरोगा अलका चौधरी ने महिला थाना की इंस्पेक्टर पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उनका थाने के भीतर फूट-फूटकर रोते हुए वीडियो भी सामने आया है। आरोप है कि बीमार होने के बाद पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगाई गई। वीडियो महिला थाना प्रभारी ने ही बनाया है। इस दौरान दरोगा अलका चौधरी ने गले में चुनरी का फंदा बनाकर फांसी भी लगाने की कोशिश की। मामला तूल पकड़ने के बाद बड़े अधिकारियों ने महिला CO (क्षेत्राधिकारी) को जांच सौंपी है।

महिला रिपोर्टिंग चौकी पर तैनात दरोगा
दरोगा अलका चौधरी मवाना थाना क्षेत्र की महिला रिपोर्टिंग चौकी पर तैनात हैं। दरोगा अलका का कहना है कि वे एक माह से बीमार चल रही हैं और चुनाव में मेरठ के अलावा बागपत और बुलंदशहर में भी पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगाई गई। जबकि बीमारी की बात महिला थाना इंस्पेक्टर संध्या सिंह को बताई थी। उसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं की गई और लगातार उत्पीड़न किया जाता रहा।

ड्यूटी पर जाते वक्त स्कूटी से गिरी
30 अप्रैल की शाम दरोगा अलका चौधरी बुलंदशहर से चुनाव ड्यूटी करके मेरठ पहुंची। जहां रात में उन्हें बताया गया कि उनकी ड्यूटी एक मई को परतापुर में लगी है। दरोगा ने ड्यूटी लगाने वाले पुलिसकर्मी को बताया कि उनका स्वास्थ्य खराब है और ज्यादा बीमार हैं। इसलिए उन्हें छुट्टी चाहिए। बीमारी की हालत में कहीं भी ड्यूटी नहीं जा सकती। लेकिन उसके बाद महिला इंस्पेक्टर ने कॉल रिसीव नहीं किया। बाद में कहा कि ड्यूटी नहीं की तो वे SP देहात से शिकायत कर देंगी।

एक मई की शाम जब दरोगा अलका स्कूटी से परतापुर में ड्यूटी के लिए निकलीं तो हापुड़ रोड स्थित बिजली बंबा चौकी के सामने तबीयत खराब होने के कारण वह स्कूटी से गिर गईं। आसपास के लोग उन्हें पुलिस चौकी में ले गए। मामले की जानकारी लगने पर इंस्पेक्टर महिला थाना संध्या सिंह भी पुलिस चौकी पहुंच गई।

मुझे जहर का इंजेक्शन दे दो
आरोप है कि महिला इंस्पेक्टर ने दरोगा की वीडियो बनानी शुरू कर दी। इस पर पीड़ित दरोगा अलका आग बबूला हो गई और अपने गले में चुनरी का फंदा डालकर आत्महत्या का प्रयास किया। पुलिस चौकी पर रोते हुए महिला दरोगा की जो वीडियो वायरल है उसमें वह बोल रही हैं कि मुझे आज यह दिन भी देखना था। मुझे मार ही दो, वीडियो में आगे दरोगा बोल रही हैं कि मुझे जहर का इंजेक्शन लगा दो। बाद में इंस्पेक्टर खरखौंदा ने पीड़ित महिला दरोगा को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। महिला दरोगा ने बताया कि मेरा स्वास्थ्य खराब है और मैं कुछ बता भी नहीं सकती कि मेरे साथ क्या हुआ है?

भर्ती होने से किया था इंकार
इंस्पेक्टर संध्या वर्मा ने कहा कि दरोगा अलका की चुनाव में ड्यूटी थी। जब मैं पुलिस चौकी पर पहुंची तो मैंने उनसे बातचीत कर जानकारी ली उन्होंने भर्ती होने से खुद ही मना कर दिया।

CO ने इंस्पेक्टर के व्यवहार पर उठाए सवाल
CO रुपाली राय का कहना है कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है। मैंने पीड़ित दरोगा से घटना की जानकारी कर बयान दर्ज किए गए हैं। यह बात सामने आई है कि महिला दरोगा बीमार हैं। महिला थाना इंस्पेक्टर संध्या सिंह के व्यवहार को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। वह पिछले 2 साल से महिला थाने में जमी हैं।

थाना प्रभारी करते करते रहे हैं उत्पीड़न
SSP ऑफिस मेरठ में तैनाती के समय सिपाही विजय गौड़ ने 10 माह पहले इंस्पेक्टर खतौली पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उत्पीड़न में सिपाही ने आत्महत्या कर ली थी। डेढ़ साल पहले मुजफ्फरनगर में एक दरोगा ने इंस्पेक्टर के उत्पीड़न से आकर आत्महत्या कर ली थी। जिस पर काफी बवाल मचा था।

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