मोदी, पुतिन और जिनपिंग की नजदीकियों से क्यों डर रहा है अमेरिका? अब क्या होगा आगे…

SCO Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के आधिकारिक स्वागत समारोह में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात की और दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों को बेहतर बनाने तथा आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लिया. यह बैठक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए भारी टैरिफ के बीच हुई, जिससे दोनों एशियाई महाशक्तियों के बीच साझेदारी की महत्ता और बढ़ गई.

शी जिनपिंग ने एससीओ की भूमिका पर जोर दिया 

रिपोर्ट के अनुसार, शी जिनपिंग ने एससीओ के नेताओं से कहा कि इस संगठन पर क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास को सुनिश्चित करने की बड़ी जिम्मेदारियां हैं. उन्होंने इस मंच को विविध देशों के हितों को जोड़ने वाला प्लेटफॉर्म बताया.

सात साल बाद पहली बार

प्रधानमंत्री मोदी सात वर्षों बाद चीन की यात्रा कर रहे हैं, जहां वे दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं. इस बैठक में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तान समेत कई एशियाई और मध्य पूर्व के नेता भी मौजूद हैं. यह आयोजन वैश्विक दक्षिण की एकजुटता को दर्शाने वाला माना जा रहा है.

मालदीव के राष्ट्रपति के साथ मोदी की तस्वीर चर्चा में

मोदी ने सोशल मीडिया पर विभिन्न नेताओं के साथ तस्वीरें साझा कीं, जिनमें मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्जू भी शामिल थे. मुइज़्जू की सरकार पहले भारत विरोधी रुख के लिए जानी जाती थी, लेकिन अब उन्होंने भारत के साथ मजबूत संबंधों को महत्व देना शुरू किया है. मोदी ने लिखा, “मालदीव के साथ हमारा विकासात्मक सहयोग हमारे दोनों देशों के लिए फायदेमंद है.”

भारत-चीन संबंधों में नई शुरुआत

इस शिखर सम्मेलन की सबसे महत्वपूर्ण घटना मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात थी, जो अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच हुई. अमेरिकी सरकार ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया है, जिससे दोनों देशों ने पश्चिमी दबावों के विरुद्ध एकजुट होने का संदेश दिया. मोदी ने कहा कि भारत-चीन संबंधों को तीसरे देश के नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने शी से मुलाकात में भरोसे, सम्मान और संवेदनशीलता के साथ रिश्तों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई.

हिमालयी सीमा पर शांति का माहौल

भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति में मोदी ने बताया कि 2020 में गलवान घाटी की हिंसक झड़प के बाद बनी सैन्य गतिरोध की स्थिति में सुधार हुआ है और सीमा पर शांति और स्थिरता स्थापित की गई है. दोनों देशों ने सीमा प्रबंधन के लिए समझौता किया है, हालांकि विस्तृत जानकारी साझा नहीं की गई. चीनी राष्ट्रपति शी ने भी कहा कि सीमा विवाद को चीन-भारत संबंधों की पूरी तस्वीर को प्रभावित नहीं करना चाहिए.

आर्थिक सहयोग 

मोदी ने बताया कि 2020 से निलंबित सीधी उड़ानें फिर से शुरू की जाएंगी. इसके अलावा चीन ने भारत की महत्वपूर्ण यात्रा के दौरान दुर्लभ खनिज, उर्वरक और सुरंग मशीनों के निर्यात प्रतिबंध हटाने पर सहमति जताई है. चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने स्पष्ट किया कि चीन भारत के खिलाफ अमेरिकी व्यापार शुल्कों का विरोध करता है और भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा.

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