
दुनिया में कई बड़े देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. जहां एक तरफ भारत ने चीन के खिलाफ मोर्चा खोल हुआ है. वहीं दूसरी तरफ भारत के दो घनिष्ट शक्तिशाली मित्र देश अमेरिका और रूस के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. हाल ही में बाल्टिक सागर में अमेरिका से बढ़ते तनाव के चलते रूस ने दुनिया की सबसे तेज रफ्तार वाली हाइपरसोनिक एंटी शिप मिसाइल जिरकान का सफल परीक्षण किया है. रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस दौरान मिसाइल ने 8 मैक (9888 किमी प्रति घंटा) से ज्यादा की स्पीड हासिल की. लाइव मॉनिटरिंग और रिकॉर्डिंग डेटा के मुताबिक, मिसाइल ने 450 किमी दूर स्थित अपने लक्ष्य को सटीकता से भेद दिया.
बता दें रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस मिसाइल का परीक्षण बैरंट सागर में रात में किया गया है. यह इस मिसाइल का दूसरा सफल परीक्षण था. इससे पहले भी इस हाइपरसोनिक मिसाइल को रूसी नौसेना के फिग्रेट एडमिरल गोर्शकोव से अक्टूबर 2020 में फायर किया गया था. इस बार भी इस मिसाइल को इसी युद्धपोत से लॉन्च किया गया है. इस मिसाइल को प्रोजक्ट 1164 मिसाइल क्रूजर मार्शल उस्तीनोव और प्रोजेक्ट 22350 फ्रिगेट एडमिरल कासातोनोव पर भी तैनात करने की योजना है.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस हाइपरसोनिक मिसाइल की रेंज 450 किमी रही। मिसाइल ने 28 किमी की ऊंचाई से उड़ान भरी और 4.5 मिनट में 450 किमी की दूरी को तय करते हुए अपने लक्ष्य को तबाह कर दिया। इस दौरान मिसाइल ने 8 मैक की स्पीड हासिल की। बता दें कि हाइपरसोनिक मिसाइल की दुनिया में सबसे आगे रूस चल रहा है। रूस ने अपनी 3M22
दरअसल, आम मिसाइलें बैलस्टिक ट्रैजेक्टरी फॉलो करती हैं. इसका मतलब है कि उनके रास्ते को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है. इससे दुश्मन को तैयारी और काउंटर अटैक का मौका मिलता है. जबकि हाइपरसोनिक वेपन सिस्टम कोई तयशुदा रास्ते पर नहीं चलता. इस कारण दुश्मन को कभी अंदाजा नहीं लगेगा कि उसका रास्ता क्या है. स्पीड इतनी तेज है कि टारगेट को पता भी नहीं चलेगा.