
lucknow Kisan Mahapanchayat : केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान कर दिया है। दूसरी तरफ किसानों का आंदोलन जारी है। अब किसानों ने आज 22 नवंबर को लखनऊ में महापंचायत और 29 नवंबर को संसद तक ट्रैक्टर मार्च निकालने का फैसला किया है। आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि जब तक संसद से कानून वापस नहीं लिए जाते, तब तक उनका आंदोलन चलता रहेगा।
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— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) November 22, 2021
केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था. किसान संयुक्त मोर्चा ने शनिवार को इसे लेकर बैठक की. इसमें सभी संगठनों के नेता शामिल हुए. किसान नेता डॉ दर्शन पाल ने कहा है कि तब तक संसद में तीनों कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया पूरी नहीं होती और एमएसपी पर लिखित गारंटी नहीं मिलती, ये आंदोलन जारी रहेगा.
किसान नेता दर्शन पाल ने बताया कि किसान संयुक्त मोर्चा ने 22 नवंबर को लखनऊ में महापंचायत, 26 को पूरे देश में किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर जश्न मनाया जाएगा और 29 नवंबर को संसद तक ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। उन्होंने कहा, हमारे कृषि कानूनों, एमएसपी, किसानों की गिरफ्तारी, उनके खिलाफ दर्ज केस समेत 6 मुद्दे हैं, उम्मीद है कि सरकार इन मुद्दों पर बातचीत के लिए जल्द बैठक बुलाएगी। वहीं, किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बताया कि बैठक में एमएसपी, किसानों पर दर्ज केस और आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई, उनके परिजनों को मुआवजे जैसे मुद्दों पर बात हुई।
क्या है किसानों की प्रेस रिलीज में?
योगेंद्र यादव ने विपक्ष पर उठाए सवाल
किसान आंदोलन से जुड़े योगेंद्र यादव ने कहा, विपक्षी दल कह रहे हैं कि सरकार ने चुनाव के चलते कानूनों को निरस्त किया। लेकिन इसमें कुछ गलत नहीं है। क्योंकि एक नेता जो चाहता है कि उसकी अच्छी नीतियों के लिए वोटर उसे वोट दे, तो उसे ऐसा करना चाहिए।