
हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. जांच में पता चला कि वह पाकिस्तान गई थीं, जहां उन्होंने ISI अधिकारियों से मुलाकात की और सोशल मीडिया के माध्यम से संवेदनशील जानकारी साझा की. पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां मामले की गहराई से जांच कर रही हैं. यह घटना राष्ट्रीय सुरक्षा और सोशल मीडिया के गलत इस्तेमाल पर गंभीर सवाल खड़े करती है.
हरियाणा के हिसार जिले की यूट्यूबर और यात्रा ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में 17 मई 2025 को गिरफ्तार किया गया. उनके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को संवेदनशील जानकारी प्रदान की.
ज्योति मल्होत्रा सोशल मीडिया पर एक्टिव
ज्योति मल्होत्रा ‘Desi-Indo-Joe’ नामक यूट्यूब चैनल की संचालिका हैं, जहां वे यात्रा व्लॉग्स और भारतीय संस्कृति से संबंधित सामग्री साझा करती थीं. उनकी सोशल मीडिया उपस्थिति उन्हें एक प्रभावशाली यात्रा प्रभावितकर्ता के रूप में स्थापित करती थी.
पाकिस्तान यात्रा और संदिग्ध संपर्क
जांच के दौरान यह सामने आया कि ज्योति ने जनवरी 2025 में श्रीनगर की यात्रा की थी, जहां उन्होंने पहलगाम भी गई. मार्च में वो फिर पाकिस्तान गईं और वहां पाकिस्तान उच्चायोग के एक अधिकारी दानिश से मिलीं. दानिश ने उन्हें पाकिस्तान यात्रा के लिए वीजा दिलवाया और उनके संपर्क में रहे.
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पाकिस्तानी अधिकारियों से मुलाकात
पाकिस्तान में रहते हुए ज्योति की मुलाकात अली अहवान से हुई, जिन्होंने उन्हें पाकिस्तानी सुरक्षा और खुफिया अधिकारियों से मिलवाया. इन मुलाकातों के दौरान उन्होंने शाकिर और राणा शहबाज जैसे व्यक्तियों से भी संपर्क किया. भारत लौटने के बाद उन्होंने स्नैपचैट, व्हाट्सऐप और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से इन व्यक्तियों से संपर्क बनाए रखा और संवेदनशील जानकारी साझा की.
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
हिसार पुलिस ने 17 मई को ज्योति को गिरफ्तार किया और उन्हें पांच दिन की रिमांड पर लिया. पुलिस के अनुसार, उन्होंने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के साथ संपर्क बनाए रखा और सोशल मीडिया के माध्यम से भारत की गोपनीय जानकारी साझा की.
राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव और जांच की स्थिति
इस गिरफ्तारी से राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति गंभीर चिंता उत्पन्न हुई है, क्योंकि यह दर्शाता है कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग करके संवेदनशील जानकारी साझा की जा सकती है. ज्योति की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों ने भारतीय नागरिकों का उपयोग करके भारत की सुरक्षा से संबंधित जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया है.
पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस मामले की गहन जांच कर रही हैं और यह निर्धारित करने की कोशिश कर रही हैं कि ज्योति ने किस हद तक संवेदनशील जानकारी साझा की और उनके अन्य संभावित सहयोगी कौन हो सकते हैं.
यह घटना सोशल मीडिया के दुरुपयोग और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति बढ़ती चुनौतियों की ओर इशारा करती है, और यह आवश्यक बनाती है कि नागरिकों को इस प्रकार के खतरों से अवगत कराया जाए और सुरक्षा उपायों को सख्त किया जाए.