
नई दिल्ली। देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस ( Coronavirus ) संकट के बीच एक राहत की खबर सामने आई है। वैक्सीनेशन के साथ-साथ अब कोरोना से बचाव के लिए आयुर्वेदिक दवा भी सामने आई है, जो कोरोना के उपचार में कारगर साबित हो रही है।
आयुष मंत्रालय ( Ayush Ministry ) ने कहा है कि कोविड 19 के हल्के और मध्यम स्तर वाले मरीजों के उपचार के ‘आयुष 64’ नामक आयुर्वेदिक दवा बेहद कारगर साबित हो रही है।
In a Press Conference (VC) organised today by the MoA, the efficacy of AYUSH-64 in the treatment of asymptomatic, mild & moderate cases of Covid 19, was announced. In the current situation, this positive finding by scientists of reputed research institutions brings a ray of hope. pic.twitter.com/GzbPazpClH
— Ministry of Ayush (@moayush) April 29, 2021
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कहर के बीच आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेदिक दवा को लेकर बड़ा दावा किया है। मंत्रालय के मुताबिक कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों को आयुष 64 नामक आयुर्वेदिक दवा से बेहतर रिजल्ट मिल रहा है।
देश के प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थानों के वैज्ञानिकों ने पाया है कि आयुष मंत्रालय की केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान परिषद की ओर से विकसित एक पॉली हर्बल फॉर्मूला आयुष 64 लक्षणविहीन, हल्के और मध्यम कोविड-19 संक्रमण के लिए मानक उपचार की सहयोगी के तौर पर लाभकारी है।
मंत्रालय की तरफ से किए गए ट्वीट में यह बात कही गई है। मतलब आयुष-64 की मदद से हल्के और मध्यम कोरोना लक्षण वाले मरीजों का इलाज संभव है।
140 मरीजों पर टेस्ट
आयुष मंत्रालय ने सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CSIR) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की निगरानी में देश के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती करीब 140 मरीजों पर इस दवा का टेस्ट किया है। अध्ययन में सामने आया कि ये दवाई लेने के बाद कोरोना मरीज जल्दी स्वस्थ हुए हैं और उनका RT-PCR टेस्ट उम्मीद से पहले निगेटिव हुआ।
इन चीजों से बनी है आयुष 64
आयुष 64 टैबलेट सप्तपर्ण, कुटकी, चिरायता और कुबेराक्ष औषधियों से बनी है। यह व्यापक वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर बनाई गई है। ये बेहद ही सुरक्षित और प्रभावी आयुर्वेदिक दवा है।
प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है दवा
आयुष 64 टेबलेट में होता है चिरायता, करंजलता के बीज और कुटकी जो प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं, पिछले साल 2020 में भी आयुष मंत्रालय ने इस दवाई को कोरोना इलाज के लिए सहायक बताया था साथ में है। इस टैबलेट में सप्तप्रण की छाल भी होती है।
इस दवाई को लेने की सलाह आयुर्वेद एवं योग आधारित नेशनल क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल के निरीक्षण के बाद जारी किया गया था।
शुगर मरीजों के लिए फायदेमंद
दावा किया जा रहा है कि ये दवा कोविड मरीजों को मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से ठीक कर देती है। इसके अलावा स्टडी में शुगर मरीजों को भी शामिल किया गया था, जिन पर भी इस दवा का काफी बेहतर असर हुआ है।
ऐसे और इतनी मात्रा में लें दवा
आयुष 64 दवा को एलोपैथिक दवा के साथ भी लिया जा सकता है। इस दवा की सिर्फ दो गोली को दिन में दो बार गर्म पानी से लेना होता है। आयुर्वेद डॉक्टर 2 हफ्ते से 12 हफ्ते तक इस दवा को खाने की राय देते हैं।