भाजपा नेता बृजपाल तेवतिया पर हुए जानलेवा हमले में 15 अभियुक्त दोषी करार

सजा के सवाल पर शनिवार को गैंगस्टर कोर्ट में होगी सुनवाई

6 साल पहले कार सवार हमलावरों ने फिल्मी स्टाइल में अत्याधुनिक हथियारों से बरसाई थीं गोलियां

भास्कर ब्यूरो
गाजियाबाद। 6 साल पहले भाजपा नेता बृजपाल तेवतिया पर जानलेवा हमले में गैंगस्टर कोर्ट ने शुक्रवार को 15 अभियुक्तों को दोषी करार दिया।
आपको बता दें कि गाजियाबाद के मुरादनगर थाना क्षेत्र में करीब 6 साल पहले हमलावरों ने फिल्मी स्टाइल में वारदात को अंजाम दिया था। बदमाशों ने 11 अगस्त 2016 को मुरादनगर में रावली सुराना मार्ग पर अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर सुरक्षा व्यवस्था का मखौल उड़ाते हुये पूरे इलाके में दहशत मचाकर रख दी थी। शनिवार को गैंगस्टर कोर्ट में सजा के मामले में सुनवाई होगी। जानलेवा हमले में गंभीर रूप से घायल हुये तेवतिया का लंबे समय तक उपचार चला था। कांस्टेबल सुरेश दीवान की हुयी हत्या का बदला लेने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया गया था। वारदात की साजिश सुरेश दीवान के बेटे और भतीजे ने रची थी।
भाजपा नेता बृजपाल तेवतिया के साथ घटना उस समय घटी जब वह तेरहवी में सम्मिलित होने के लिए अपने काफिले के साथ देर शाम निकले थे। इसी दरमियान कार सवार बदमाशों ने उनके ऊपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। काफिले में शामिल गनर की ओर से भी जवाबी फायरिंग हुयी। दोनों पक्षों में करीब 20 मिनट तक गोलियां बरसती रही। घटना को अंजाम देने में हमलावरों ने एक-47 और आधुनिक हथियारों का प्रयोग किया था। मामले के सन्दर्भ में गैंगस्टर कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक वरुण त्यागी ने बताया कि कोर्ट ने इस मामले में शुक्रवार को 15 आरोपियों को दोषी करार दिया है। सजा के सवाल पर शनिवार को कोर्ट में सुनवाई होगी।
वहीं गैंगस्टर न्यायालय की न्यायाधीश नीतू पाठक ने दिवंगत कांस्टेबल सुरेश दीवान के बेटे मनीष दीवान के अलावा बिट्टू उर्फ अरुण, निशांत, जितेंद्र, शेखर जाट, राहुल त्यागी, गौरव भाटी, रामकुमार, विक्की चौधरी, अभिषेक, शोकेंद्र, राजू उर्फ बाली, मनोज, योगेंद्र उर्फ बबल, तथा संसार सिंह को दोषी करार दिया है। वहीं एक आरोपी विजय बहादुर की पूर्व में जेल में मौत हो चुकी है। इसके साथ ही मनीष दीवान सहित अन्य सभी आरोपी जेल में हैं।
बता दें कि विगत 12 जून 1999 को दिल्ली के शकरपुर में सिपाही सुरेश दीवान की संपत्ति के विवाद में हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में ब्रजपाल तेवतिया भी नामजद थे ।
बाद में पुलिस विवेचना में हत्याकांड में तेवतिया की भूमिका न पाये जाने पर उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी। इसके बाद सुरेश दीवान के बेटे मनीष दीवान और भतीजे मनोज ने बृजपाल तेवतिया की हत्या की योजना बनाई। बदले की आग में जल रहे मनीष दीवान ने घटना को अंजाम देने के लिए 35 लाख रुपए में अपनी संपत्ति तक बेच दी थी। तेवतिया पर 11 अगस्त 2012 से पहले भी जानलेवा हमला करने की 5 बार कोशिश हुई थी, लेकिन कहते हैं ना कि जाको राखे साइयां मार सके ना कोई। वह हर वार बाल-बाल बच गए। बृजपाल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का करीबी भी बताया जाता है। भाजपा में आने से पहले वह राष्ट्रीय लोक दल में रह चुके थे।

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