किसानों के लिए आई अच्छी खबर ! गेहूं के बीज पर मिलेगी अब 50% की सब्सिडी

गेहूं की बोआई (wheat crop) शुरू हो चुकी है. गेहूं की बोआई अक्टूबर से दिसंबर तक की जाती है. इस फसल की कटाई फरवरी से मई तक की जाती है. गेहूं की फसल 130-140 दिन है. इन दिनों किसानों के सामने समस्या आती है गेहूं के बीज (wheat seeds) की. हालांकि तमाम राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर किसानों को गेहूं का अच्छा बीज मुहैया कराने का इंतजाम करती है और इसकी कीमतों पर कुछ छूट भी जाती है.

पंजाब सरकार (Punjab Government) ने रबी सीजन के लिए गेहूं के बीज पर 50 फीसदी की सब्सिडी देने का ऐलान किया है. 

पंजाब सरकार का कहना है कि इस रबी सीजन में 2.5 लाख किसानों को 1.85 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज मुहैया कराया जाएगा. इसके लिए 18.50 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी.

बीजों की कुल लागत का 50 प्रतिशत या ज्यादा से ज्यादा 1,000 रुपये प्रति क्विंटल के बराबर सब्सिडी अप्लाई करने वाले किसानों के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर की जाएगी. गेहूं के बीज के लिए सब्सिडी अधिकतम पांच एकड़ खेत के लिए दी जाएगी.

मुख्यमंत्री ने सब्सिडी वाले बीज के लिए छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है.

ज्यादा पैदावार के लिए करें ये काम
गेहूं ठण्डी और शुष्क जलवायु की फसल है. इसलिए इसे बोने के समय 20 से 22  डिग्री सेल्सियस , बढ़वार के समय 25 डिग्री सेल्सियस तापक्रम की जरूरत होती है. पाले से फसल का बहुत नुकसान होता है. गर्म और नम जलवायु गेहूं के लिए अच्छी नहीं होती, क्योंकि ऐसे इलाकों में फसल में रोग अधिक लगते हैं.

जरूरी है बीज उपचार
बोआई के लिए जो बीज इस्तेमाल किया जाता है वह प्रमाणित और इलाके विशेष के लिए होना चाहिए. बीजों में बीमारियों की रोकथाम के लिए ट्राइकोडरमा की 4 ग्राम मात्रा 1 ग्राम कार्बेन्डाजिम के साथ प्रति किग्रा बीज की दर से बीज को उपचारित करना चाहिए.