
सफीपुर(भास्कर)। प्रदेश सरकार भले ही गौ वंश के प्रति अपनी संवेदाओं का दम्भ भरते नही थकती पर जमीनी स्तर पर हालात कहावत से परे है। गोवंश के बचाव और संरक्षण के लिए शीर्ष सत्ता प्रयत्नशील और कटिबद्ध है। जबकि अधिकारी व कर्मचारी अकर्मण्य होकर शासन के आदेशों को ठेंगा दिखा रहे हैं। कई गोवंश मरणासन्न हालत में विकासखंड क्षेत्र की गौशालाओं में प्रशासनिक उदासीनता की कहानी उजागर करते नजर आ रहे हैं। बेजुबानों की इस दशा को लेकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। नतीजे में गोवंशीय पशुओं पर गौ आश्रय स्थलों में हो रहे उत्पीड़न से उन्हें निजात दिलाने की मांग भी अब उठने लगी है।
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशानिर्देशों के बाद भी विकासखंड क्षेत्र के गोश्रय केंद्रों की हालत दयनीय है। अचानक बढ़ी ठंड के बाद भी अभी तक इनमें रह रहे बेजुबानों के लिए कोई आवश्यक इंतजाम नही हुए। सफीपुर विकास खंड क्षेत्र के अंतर्गत लहबरपुर, मेथी टिकुर, जमालुद्दीन पुर सहित लगभग आधा दर्जन संचालित गोशालाओं में गोवंशों को ठंड से बचाने को लेकर जहां सरकार पूरी तरह से जोर लगाए हुए हैं। विभागीय जिम्मेदारों के कानों में जूं तक नहीं रेंग रहा है। जिससे गौशालाओं में गोवंश को ठंड से बचाने के लिए न ही अलाव व तिरपाल के कोई पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इसका नतीजा ये हुआ कि पशु आश्रय स्थलों में ठंड से लगभग आधा दर्जन गाय मरणासन्न हालत में हैं।