
वेस्ट यूपी के 50 हजारी मोस्ट वांटेड अपराधी धर्मेंद्र किरठल को देहरादून से एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ मेरठ और नोएडा को धर्मेंद्र किरठल की काफी समय से तलाश थी। कुख्यात धर्मेंद्र किरठल के खिलाफ 50 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें हत्या के 15 से ज्यादा मुकदमे हैं।
इसके अलावा लूट व रंगदारी के मुकदमे भी उसके खिलाफ दर्ज हैं। जिनमें से ज्यादातर में उसकी जमानत हो चुकी है, जबकि कुछ मुकदमे खत्म हो चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक धर्मेंद्र काफी दिनों से देहरादून और मसूरी में रह रहा था।
28 साल पहले लूट कर बना था अपराधी
एसटीएफ ने बताया कि 28 साल पहले उसके खिलाफ लूट का पहला मुकदमा रमाला थाने में दर्ज हुआ था। इसके बाद से धर्मेंद्र किरठल लगातार अपराधिक वारदात को अंजाम देता रहा। कुख्यात पश्चिमी यूपी के अलावा उत्तराखंड, दिल्ली और हरियाणा में भी गिरोह बनाकर अपराध करता रहा। बीते साल 12 दिसंबर को बागपत के किरठल गांव में किसान इरशाद अली की चुनावी रंजिश को लेकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में धर्मेंद्र किरठल फरार चल रहा था। इससे पहले शासन के निर्देश पर पुलिस ने उसकी 65 लाख कीमत की संपत्ति कुर्क कर दी थी। बाद में आईजी रेंज मेरठ प्रवीण कुमार ने उसके ऊपर 50 हजार का इनाम घोषित कर दिया था।
मुन्ना बजरंगी के हत्यारे सुनील राठी की जगह लेना चाहता था किरठल
पुलिस के मुताबिक पश्चिमी यूपी में जरायम की दुनिया मे सबसे अधिक दबदबा रखने वाले सुनील राठी से धर्मेंद्र किरठल का छत्तीस का आंकड़ा था। धर्मेंद्र किरठल को रास्ते से हटाने के लिए राठी ने हरियाणा के शूटर अंकित काला को सुपारी दी थी। इसी बीच सुनील राठी ने जुलाई 2018 में बागपत जेल में पूर्वी यूपी के सबसे बड़े माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी। इसके कुछ दिन बाद ही अंकित काला अपने दो साथियों के साथ किरठल को मारने निकला तो शामली पुलिस ने मुठभेड़ में तीनों को दबोच लिया। अंकित काला ने ही धर्मेंद्र की सुपारी मिलने का खुलासा किया।
नाम का खौफ बढ़ा लेकिन कैद ने दे दी मात
जेल में मुन्ना की हत्या के बाद सुनील राठी के नाम का खौफ तो बढ़ा लेकिन जेल में रहने की वजह से रंगदारी के धंधे में वर्चस्व कायम नही हो पा रहा था। धर्मेंद्र काला उसकी कैद का फायदा उठाकर उसके लोगों का खात्मा करके अपना नाम चमका रहा था। सूत्रों का कहना है कि सुनील राठी के गैंग से मिली लीड के बाद ही एसटीएफ किरठल को दबोचने में कामयाब हो पाई।
मेरठ रेंज के इनामी बदमाश एसटीएफ की हिटलिस्ट में शामिल
एसटीएफ के अनुसार पिछले पंचायत चुनाव में धर्मेंद्र किरठल की मां सुरेश देवी जिला पंचायत सदस्य और पत्नी सुदेश देवी ग्राम प्रधान बनी थीं। इस बार भी उसके परिजन चुनाव लड़ने की फिराक में थे, लेकिन पुलिस के लगातार दबाव के चलते वह ऐसा नहीं कर पाए। पिछले दिनों चुनाव के दौरान धर्मेंद्र किरठल के गांव के आसपास गतिविधियों की सूचना पुलिस को मिली थी। तब पुलिस ने ड्रोन कैमरों से जंगल को खंगाला था, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला था। आईजी मेरठ प्रवीण कुमार का कहना है कि रेंज के जो भी बदमाश फरार है और जिन पर इनाम घोषित है। ऐसे अपराधियों की धरपकड़ के लिए लगातार पुलिस एसटीएफ काम कर रही है।