
गोवा की बीजेपी सरकार भी अब जनता के हित को लेकर बड़े फैसले ले रही है। प्रमोद सावंत ने सरकार बनाने के 24 घंटे के अंदर ही गोवा कैबिनेट में बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत अब राज्य में हर परिवार को तीन रसोई गैस सिलेंडर फ्री दिए जाएंगे। दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने अपनी चुनावी वादों में ये वादा किया था, लिहाजा सरकार बनाने के 24 घंटे के अंदर उन्होंने अपना पहला वादा पूरा कर लिया है। बताया जा रहा है कि सरकार का ये फैसला आगामी अप्रैल महीने से ही लागू कर दिया जाएगा। यानि अप्रैल से अगले मार्च तक हर परिवार को तीन रसोई गैस सिलेंडर मुफ्त दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने नई कैबिनेट की पहली बैठक की अध्यक्षता के दौरान यह घोषणा की। आपको बता दें कि प्रमोद सावंत की कैबिनेट में मुख्यमंत्री और आठ अन्य मंत्री शामिल हैं।
सीएम सावंत ने किया बड़ा ऐलान
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, ‘मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली बैठक की अध्यक्षता की। कैबिनेट ने नए वित्तीय वर्ष से बीजेपी के घोषणापत्र में किए गए वादे के मुताबिक तीन सिलेंडर मुफ्त देने की योजना तैयार करने का फैसला किया है।’
Chaired the first Cabinet Meeting after taking oath as CM. The Cabinet has decided to formulate the 3 free cylinder scheme as promised in the BJP Manifesto, from the new financial year. pic.twitter.com/iPeAiVJ7ym
— Dr. Pramod Sawant (@DrPramodPSawant) March 28, 2022
बता दें कि बीते महीने हुए गोवा में हुए विधानसभा चुनाव से पहले, भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी घोषणापत्र में यह वादा किया था कि, अगर पार्टी यानी बीजेपी सत्ता में आती है तो प्रदेश के हर परिवार को हर वर्ष में 3 एलपीजी सिलेंडर मुफ्त में दिए जाएंगे।
सीएम का विरोधियों को जवाब
गोवा सीएम प्रमोद सावंत ने कहा कि लौह अयस्क खनन को फिर से शुरू करना और रोजगार सृजन मौजूदा कार्यकाल के दौरान उनकी प्राथमिकताएं रही हैं।
इस दौरान सीएम सावंत ने विरोधियों को भी करारा जवाब दिया। दरअसल विरोधी दलों ने पिछली बार प्रमोद सावंत को ‘आकस्मिक मुख्यमंत्री’ बता कर तंज कसा था।
सावंत ने जवाब में कहात, इस बार वह राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में ‘निर्वाचित’ हुए हैं, उन्हें ‘चयनित नहीं’ किया गया है। दरअसल प्रमोद सावंत ने 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद राज्य के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला था। यही वजह है कि उन्हें विरोधी दलों ने आकस्मिक मुख्यमंत्री बताया था।
हालांकि इस बार विधानसभा चुनावों में पार्टी ने 40 सदस्यीय सदन में 20 सीटें जीतीं है, जिसका श्रेय भी सीएम सावंत के सिर पर ही बांधा जा रहा है। क्योंकि पार्टी उन्हीं के चेहरे पर चुनाव लड़ा है।