छठवीं की छात्रा का जज्बा देख चकाचौदं टीचर्स, अब देगी 10वीं की परीक्षा

रायपुर। शिक्षा वो सीढ़ी है जिसमे चढ़कर ही सपनों की उड़ान को सच किया जा सकता है। इन्ही कथनोँ को सही साबित करने में जुटी है महज 11 साल की छात्रा नरगिस। गांव में रहकर पढ़ाई करने वाली किसान की बेटी केजी वन से लेकर कक्षा पांचवी तक की परीक्षा में हमेशा अव्वल स्थान पर रही है। अब 6वीं की नरगिस कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा देना चाहती है।

मासूम सी बच्ची नरगिस बनना चाहती है पीएससी टॉपर

कक्षा छठवीं में पढ़ने वाली नरगिस खान पीएससी टॉपर बनना चाहती है। छत्तीसगढ़ के बालोद जिला के स्वामी आत्मानंद स्कूल में कक्षा छठवीं की छात्रा है। जब बच्ची ने अपने पिता को परीक्षा देने की अनुमति की बात कही तब किसान पिता बेटी नरगिस के सपने को साकार करने में उसका साथ दिया। पिता ने बताया नरगिस दिलों जान से जुटी है। यह उसका जज्बा ही है, जिसकी बदौलत वह अपने घर से लगभग 10 किलोमीटर का सफर तयकर जिला मुख्यालय बालोद पढ़ाई करने के लिए जाती है।

नरगिस की बात सुन पिता खुश हुए और वो उसके स्कूल टीचर्स से बात करने पहुंच गए। उन्होंने बच्ची की प्रतिभा का आंकलन करने का अनुरोध किया। शिक्षकों ने भी उसके पढ़ाई करने के तरीके और उसके कैचिंग पावर को समझा और फिरोज खान को आगे के प्रोसेस के बारे में बताया, जिसके बाद फिरोज ने डीईओ बालोद को अपनी बेटी को दसवीं बोर्ड परीक्षा में शामिल करने का आवेदन दिया।

“मैं क्यों नही बन सकती टॉपर “

नरगिस कहती है कि उन्होंने इंटरनेट पर काफी कुछ सर्च किया। जब उसने काफी लोगों के बारे में पढ़ा और देखा तो उसे अपनी प्रतिभा का आंकलन हुआ। नरगिस ने कहा कि यंगेस्ट यूपीएससी टॉपर भी हो सकते हैं। तो मैं क्यों नही बन सकती। यहीं सोचकर तैयारी शुरू कर दी।

छात्रा का आईक्यू टेस्ट

आवेदन के बाद प्रवास सिंह बघेल ने नरगिस को सत्र 2022-23 में दसवीं की परीक्षा में शामिल करने संचालनालय को पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि बोर्ड एग्जाम में बैठने की अनुमति माध्यमिक शिक्षा मंडल से मिलती है। जहां आवेदन पर विचार करने के लिए एक बोर्ड बैठेगी और छात्रा का आईक्यू टेस्ट होने के बाद ही उसे अनुमति देने पर विचार करेगी। डीईओ ने भी शिक्षकों आंकलन पर माना कि नरगिस खान काफी टैलेंटेड है।