
लॉस एंजेल्स अमेरिका के मिडवेस्ट स्थित मिशिगन के एक फर्ज़ी विश्वविद्यालय ‘यूनिवर्सिटी ऑफ फार्मिंगटन’ में भारत के आठ छात्रों की गिरफ्तारी के बाद देश भर में छात्र वीज़ा के मामले में धोखाधड़ी करने वाले छात्रों और अमेरिकी एजेंटों की छानबीन तेज हो गई है।
बताया जाता है कि इस धंधे में छात्रों के रूप में फर्ज़ी पंजीकरण करने वाले एजेंटों और अवैध तरीके से वीजा लेने वाले छात्रों की देश भर में धड़पकड़ शुरू हो गई है। ऐसे छात्रों की संख्या करीब दो सौ बताई जाती है, जबकि विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या सैकड़ों में बताई जाती है।
हालांकि, आव्रजन अधिकारियों ने यह बताने से इनकार कर दिया है कि अभी तक कितने छात्रों की गिरफ़्तारी हुई है और वह कितने को स्वदेश भेजने की तैयारी में है। इस फर्ज़ी विश्वविद्यालय में भारत के अलावा कुछ अन्य देशों के छात्रों के नाम भी संलिप्त बताए जाते हैं। नियमानुसार इन छात्रों को स्वदेश भेजे जाने के सिवा कोई विकल्प नहीं है।
सूत्रों के अनुसार वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी इस सिलसिले में अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क अधिकारियों तथा कुछ भारतीय छात्रों के सम्पर्क में हैं। अभी तक बातचीत के ब्योरे का पता नहीं चल सका है, लेकिन भारतीय अधिकारी नियमानुसार मदद करने के लिए आगे आए हैं।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका और भारत में ऐसे कुछ गिरोह हैं, जो इस फर्ज़ी विश्वविद्यालय में धोखाधड़ी से छात्र के रूप में छात्रों का पंजीकरण कराते रहे हैं।आव्रजन और सीमा शुल्क विभाग अक्सर इस तरह की छापेमारी में धड़पकड़ करती रही है।इस तरह की छापेमारी पिछले साल कैलिफ़ोर्निया में भी हुई थी, जिसमें कुछ भारतीय छात्रों को हिरासत में लिया गया था।
बताया जाता है कि इन छात्रों को बाद में भारतीय रेस्तरां अथवा सेवन इलेवन ग्रोसरी स्टोर में नकदी मज़दूरी भत्ते पर रोज़गार दिलाए जाने के लिए उत्साहित किया जाता है।