बात पक्की : चंद घंटे बाद बजेगी लोकसभा चुनाव की डुगडुगी…

-निर्वाचन आयोग तैयार, शाम को करेगा घोषणा, सत्रहवीं लोकसभा के गठन के लिए सजेगी बिसात, पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं साथ
-2014 में नौ चरण में हुआ था आम चुनाव
-भाजपा ने अपने दम पर 282 सीटें जीतकर हासिल किया था पूर्ण बहुमत
-भाजपा और सहयोगी दलों के खाते में आयी थीं 336 सीटें
– 1984 में अपार बहुमत प्राप्त करने वाली कांग्रेस की हुई थी सबसे शर्मनाक पराजय
– चुनावी शतरंज में नरेन्द्र मोदी ने दी थी महारथियों को मात

नई दिल्ली । सत्रहवें आम चुनाव की डुगडुगी रविवार शाम बज जाएगी। निर्वाचन आयोग लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेगा। आयोग पांच राज्यों आंध्र प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की भी घोषणा कर सकता है। सोलहवीं लोकसभा का कार्यकाल 3 जून, 2019 को खत्म होगा।

सबसे ज्यादा हुआ मतदान
सोलहवीं लोकसभा की 543 सीटों के लिए 7 अप्रैल 2014 से 12 मई 2014 नौ चरण में मतदान हुआ था। यह देश के अब तक के इतिहास में सबसे लंबा कार्यक्रम वाला चुनाव था। औसतन मतदान 66.38 फीसदी के करीब रहा। यह देश के आम चुनाव के इतिहास में सबसे उच्चतम था। मतगणना 16 मई को हुई थी। 336 सीट के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सबसे बड़ा दल और 282 सीट के साथ भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने 59 सीट और कांग्रेस ने 44 सीट पर जीत हासिल की थी।

महापर्व की महिमा
लोकतंत्र के महापर्व की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि 1984 के लोकसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों ने सबसे बड़ी बहुमत वाली सरकार बनाने का अधिकार जीता। 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए लोकसभा चुनाव में राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस को भारी बहुमत मिला था। कांग्रेस के खाते में 404 सीटें आयी थीं। तब कांग्रेस को 49.01 फीसदी वोट मिले थे। 2014 के आम चुनाव में पहली बार ऐसा हुआ जब भारतीय जनता पार्टी ने अन्य पार्टियों के समर्थन के बिना सरकार बनाने के लिए अपने दम पर अकेले पूर्ण बहुमत हासिल किया। इस चुनाव की शतरंज में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता नरेन्द्र मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व के सामने विपक्ष के सारे मोहरे हाथ मलते रह गए। कांग्रेस के इतिहास की सबसे शर्मनाक हार का मुंह देखना पड़ा।

यह थी लोकसभा में दलों की स्थिति
1. भारतीय जनता पार्टी : 282
2. कांग्रेस : 44
3. शिवसेना : 18
4. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) : 01
5. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्‍सवादी) : 09
6. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) : 06
7. शिरोमणि अकाली दल (बादल) : 04
8. अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) : 37
9. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) : 34
10. जनता दल (सेक्युलर) : 02
11. जनता दल (यूनाइटेड) : 02
12. आम आदमी पार्टी (आप) : 04
13. इंडियन नेशनल लोकदल : 02
14. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग : 02
15. रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी : 01
16. तेलंगाना राष्ट्र समिति : 11
17. लोक जनशक्ति पार्टी : 06
18. राष्ट्रीय जनता दल : 04
19. पीडीपी : 03
20. केरल कांग्रेस (एम) : 01
21. समाजवादी पार्टी : 05
22. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी : 03
23. स्वाभिमानी पक्ष : 01
24. निर्दलीय : 03
25. ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट : 03
26. तेलुगुदेशम : 16
27. अपना दल : 02
28.युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआर कांग्रेस) : 09
29. बीजू जनता दल (बीजद) : 20
30. झारखंड मुक्ति मोर्चा : 02
31. नेशनल पीपुल्स पार्टी : 01
32. ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमिन : 01
33. सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट : 01
34. नगा पीपुल्स फ्रंट : 01
35. पट्टाली मक्कल काची : 01
36. ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस : 01