PFI समर्थकों का पुणे में प्रदर्शन, ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के लगाए नारे

देश भर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) कार्यालयों पर छापेमारी के बाद इस संगठन के समर्थक जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच महाराष्ट्र के पुणे में शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए गए। इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है। हालांकि, पुलिस प्रशासन ने इस घटना को सिरे से खारिज कर दिया है और वायरल वीडियो की जांच की जा रही है।

जानकारी के मुताबिक, NIA की टीम ने महाराष्ट्र के पुणे में PFI के ऑफिस पर छापेमारी की। इस दौरान PFI समर्थक कलेक्टर ऑफिस पहुंचे और विरोध प्रदर्शन करने लगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया। इस दौरान वहां मौजूद कुछ कार्यकर्ता देश विरोधी नारे लगाने लगे।

पुणे में विरोध प्रदर्शन के कुछ वीडियो वायरल हुए हैं, जिनमें कुछ लोग ‘अल्लाह हू अकबर’ के साथ ही ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगा रहे हैं। हालांकि, पुलिस ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन पर तत्काल कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया। साथ ही बिना अनुमति प्रदर्शन करते के आरोप में 60-70 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसके अलावा मुख्य आरोपी की पहचान कर ली गई है, जिसका नाम रियाज सैय्यद बताया गया है।

फणडवीस बोले- आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी

इस मामले में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फणडवीस की प्रतिक्रिया सामने आई है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में और भारत में अगर कोई नापाक इरादों से पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाएगा, उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

PFI के 100 से ज्यादा सदस्य गिरफ्तार, संगठन के प्रमुख ओमा सालम भी अरेस्ट

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने बीते गुरुवार की रात 15 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 93 ठिकानों पर छापेमारी की। टेरर फंडिंग केस में हो रही इस कार्रवाई में PFI से जुड़े 106 सदस्यों को अरेस्ट किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गिरफ्तार होने वालों में संगठन प्रमुख ओमा सालम भी शामिल है।

NIA के सूत्रों ने बताया- 5 मामलों में 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ये PFI नेता, कैडर आतंकवाद और आतंकवादी गतिविधियों के लिए पैसे, हथियार चलाने के ट्रेनिंग देने वाले लोग हैं। ये लोगों को प्रतिबंधित संगठनों में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाने का काम करते थे।

इन राज्यों में हुई कार्रवाई

NIA और ED की यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, असम, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी और राजस्थान में चली। कार्रवाई के बीच गृह मंत्रालय में गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हाई लेवल मीटिंग हुई। मीटिंग में NSA अजीत डोभाल, गृह सचिव अजय भल्ला और NIA के महानिदेशक मौजूद रहे।

छापेमारी की 3 बड़ी वजहें…

  1. राज्यों में टेरर फंडिंग करने का आरोप: NIA अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और हैदराबाद में आतंकी गतिविधि बढ़ाने के लिए भारी संख्या में टेरर फंडिंग की गई है। लिंक खंगालने के बाद जांच एजेंसी ने यह कार्रवाई की।
  2. ट्रेनिंग कैंप लगाने का आरोप: NIA को सूचना मिली थी कि कई राज्यों में पिछले कुछ महीनों से PFI बड़े स्तर पर ट्रेनिंग कैंप लगा रही है। इसमें हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने के साथ लोगों का ब्रेनवॉश भी किया जा रहा था।
  3. फुलवारी शरीफ का लिंक: इसी साल जुलाई में पटना के पास फुलवारी शरीफ में मिले आतंकी मॉड्यूल को लेकर भी छापेमारी की गई थी। फुलवारी शरीफ में PFI के सदस्यों के पास से इंडिया 2047 नाम का 7 पेज का डॉक्यूमेंट मिला था। इसमें अगले 25 साल में भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने की प्लानिंग थी।

15 राज्यों में 93 ठिकानों पर NIA की छापेमारी के बाद शुक्रवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने केरल बंद बुलाया। इस दौरान संगठन के कार्यकर्ता हिंसक हो गए। उन्होंने राजधानी तिरुवनंतपुरम और कोट्टयम में कई सरकारी बसों और गाड़ियों में तोड़फोड़ की।

न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, कन्नूर के मट्टनूर में RSS ऑफिस पर पेट्रोल बम भी फेंके गए। हालांकि, इसमें किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। पुलिस के मुताबिक, कोल्लम में मोटरसाइकिल सवार PFI कार्यकर्ताओं ने 2 पुलिसकर्मियों पर हमला भी किया। ADGP, लॉ एंड ऑर्डर, विजय साखारे ने बताया कि हिंसा के बाद पुलिस ने 500 लोगों को अरेस्ट किया और 400 लोग हिरासत में लिए गए।

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने इंदौर के जिन PFI के संदिग्ध पदाधिकारियों को पकड़ा है, उन पर पुलिस के खुफिया विभाग की नजर लंबे समय से थी। जेल जा चुके लोगों की हरसंभव मदद का आश्वासन ईद पर PFI ने दिया था। 3 मई को ईद के मौके पर सदर बाजार ईदगाह के बाहर PFI के सदस्यों ने फंडिंग के लिए बैनर-पोस्टर तक लगाए थे।

​​​​देश में नफरत की पाठशाला चलाने वाले PFI यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया UP में सिमी के नक्शे कदम पर चल रही है। सिमी पर प्रतिबंध लगने के बाद उसकी बी-पार्टी के रूप में उभरा ये संगठन बहराइच से लेकर सहारनपुर तक अपनी जड़ें फैला चुका है। लखनऊ और NCR को हेडक्वार्टर के तौर पर तैयार किया है।

भास्कर ने बताया था PFI पर एक्शन का प्लान: केंद्र ने 4 अगस्त को लिया था कार्रवाई का फैसला

PFI पर एक्शन का प्लान 4 अगस्त को गृहमंत्री अमित शाह के बेंगलुरु दौरे के दौरान बना था। अमित शाह यहां एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। कार्यक्रम के बाद अमित शाह, कर्नाटक के CM बसव राज बोम्मई और राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के बीच मीटिंग हुई थी। मीटिंग के बाद केंद्र सरकार PFI पर एक्शन की तैयारी कर रही है, भास्कर ने इस बारे में 9 अगस्त को ही बता दिया था।