शहजाद अंसारी
बिजनौर। दलित महिला से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तारी वारंट के खिलाफ राहत पाने के लिए हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे मुख्य आरोपी सपा के पूर्व मंत्री व नगीना से मौजूदा विधायक मनोज पारस को हाईकोर्ट से भी कोई राहत नही मिली है। बुधवार को मूल फ़ाइल सुनने के दौरान पीड़िता के वकीलों द्वारा मुख्य आरोपी मनोज पारस व अन्य आरोपी 13 वर्षों से कोर्ट में पेश ही नहीं हुए का तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए मनोज पारस को किसी भी तरह कोई राहत नही दी है।
कोर्ट के इस कडे रुख से सपा विधायक मनोज पारस की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं और इस चर्चित मामले में जेल जाने के पूरे आसार हो गए हैं जिससे मनोज पारस की एक बार फिर उल्टी गिनती शुरू हो गई है।
गौरतलब है कि आठ दिसम्बर 2006 में जनपद बिजनौर थाना नगीना के गांव बिंजहेड़ी की एक दलित महिला ने राशन की दुकान का कोटा दिलाने के बहाने सपा विधायक मनोज पारस पर व उसके तीन साथी जयपाल, अस्सु व कुंवर सैनी पर उसके साथ गैंगरेप किए जाने का आरोप लगाया था। राजनीतिक रसूख के चलते नगीना पुलिस ने यह बहुचर्चित गैंगरेप का मुकदमा नहीं लिखा था।
कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज होने के बाद मीडिया की सुर्खियां बनने पर विधायक मनोज पारस को मंत्री पद से भी हाथ धोना पड़ा था। इतना ही नही सत्ता की हनक के चलते सपा विधायक मनोज पारस ने आज तक कोर्ट में पेश होना गवारा नहीं समझा लेकिन 12 सितम्बर 18 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दागी विधायकों व सांसदों की संलिप्ता वाले मुकदमों को शीघ्र निपटारे के आदेश पर हाइकोर्ट के सख्त रुख के बाद फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने सपा विधायक व पूर्व मंत्री मनोज पारस के विरुद्ध बीती 29 जनवरी को गैर जमानती व फरारी वारंट जारी कर दिए थे।
गिरफ्तारी वारंट के खिलाफ राहत पाने के लिए हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे मुख्य आरोपी मौजूदा सपा विधायक मनोज पारस को हाईकोर्ट से भी कोई राहत नही मिली है। बुधवार को कोर्ट न0- 70 के न्यायाधीश संजय सिंह ने मूल फ़ाइल सुनने के दौरान पीड़िता के वकीलों द्वारा मुख्य आरोपी मनोज पारस व अन्य आरोपी 13 वर्षों से कोर्ट में पेश ही नहीं होने की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए मनोज पारस को किसी भी तरह कोई राहत नही दी है। हाईकोर्ट के इस कडे रुख से सपा विधायक मनोज पारस की मुश्किलें बढ़नी शुरु हो गई हैं फिलहाल हाईकोर्ट के सख्त रुख के कारण मनोज पारस के पास इस बहुचर्चित दुष्कर्म के मामले में जेल जाने के अलावा कोई रास्ता नही बचा है।