वाराणसी : कोहरे और गलन का असर शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीण अंचल में अधिक, लोगों की दिनचर्या पर असर

वाराणसी,03 जनवरी (हि.स.)। आंग्ल नववर्ष में लगातार तीसरे दिन मंगलवार को भी घने कोहरे और धुंध ने भगवान भाष्कर को अपनी उपस्थिति दर्ज कराने से रोक दिया। भगवान सूर्य के दर्शन न देने से लोगों को जहां हाड़कपाऊ गलन से राहत नहीं मिल रही है, वहीं गीले वस्त्र न सूखने से महिलाएं भी परेशान हैं। सर्दी और गलन से इंसान के साथ पशु-पक्षी भी बेहाल हैं।

बाजारों में भी इसका असर दिखने लगा है। दोपहर 12 बजे के बाद बाजारों में चहल-पहल दिख रही है। घने कोहरे और गलन का असर शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीण अंचल में अधिक है। दृश्यता भी कम हैं। सुबह आठ बजे तक महज 50 से 100 मीटर की दूरी घने कोहरे में नहीं दिख रही है। सर्दी और घने कोहरे को देखते हुए जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने इंटरमीडिएट तक के सभी माध्यमों के स्कूलों को पांच जनवरी तक बंद रखने का निर्देश दिया हैं। जिलाधिकारी के निर्देश पर आंगनबाड़ी केंद्र भी बंद रहेगा।

जिले के सभी प्राथमिक स्कूल, सीबीएसई बोर्ड, आईसीएसई बोर्ड और मदरसा बोर्ड पर भी जिलाधिकारी का आदेश लागू रहेगा। सर्दी और कोहरे से वायुयान और ट्रेन सेवा भी विलम्बित चल रही है। पिछले तीन दिनों से वाराणसी का अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियय के आसपास है। बुधवार को पूर्वांह 11.30 बजे अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 08 डिग्री सेल्सियस और आद्रता 83 फीसद दर्ज किया गया। घने कोहरे के चलते रात में ओस की बूंदें भी गिर रहीं हैं।

मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि अगले तीन-चार दिनों तक ऐसे ही मौसम रहने की संभावना है। उत्तर पश्चिमी हवाओं में नमी अधिक होने से गलन भी ज्यादा है। पछुआ ने गलन में इजाफा किया है। कड़ाके की सर्दी का असर अब लोगों की दिनचर्या पर देखने को मिल रहा है। गलन की वजह से बाजार रात नौ बजे के पहले ही बंद हो जा रहे है।