10 से चलेगा सघन टीबी रोगी खोज अभियान
129 टीमें घर-घर जाकर खोजेंगी टीबी के मरीज
तीन सदस्यीय टीमों को दी जा रही है ट्रेनिंग
गाजियाबाद, 03 जून 2019। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2025 तक भारत को टीबी रोग से मुक्त करने के लक्ष्य के साथ जिला क्षय रोग विभाग एक बार फिर सघन टीबी रोगी खोज अभियान शुरू करेगा। 10 से 22 जून तक प्रस्तावित अभियान के लिए कुल 129 टीमें गठित करके उनकी ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है। सोमवार को मुरादनगर और विजयनगर मेंट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग में बताया जा रहा है कि टीमों को घर-घर जाकर कैसे पेश आना है और लोगों से कौन-कौन से सवाल करने हैं। हर टीम में एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एक आशा और एक स्वाथ्यकर्मी रहेगा। ये टीमें घर-घर जाकर टीबी के मरीजों की पहचान करेंगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. जेपी श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार टीमें घर में मौजूद हर सदस्य से बात करेंगी। अब तक होता यह रहा है कि टीमें केवल घर के मुखिया से बात करती थीं। डीटीओ ने बताया कि घर के हर सदस्य से बात करने का निर्णय इसलिए लिया गया ताकि कहीं कोई चूक न रह जाए। उन्होंने बताया कि टीबी का एक मरीज 10 से 15लोगों को संक्रमित कर देता है, इसलिए टीबी के मरीज के जल्दी पहचान होने के बाद तत्काल उपचार शुरू होना जरूरी है। इस कड़ी में यदि एक भी मरीज पहचान हुए बिना रह गया तो कड़ी टूट जाएगी। डीटीओ ने बताया कि सघन टीबी खोज अभियान के लिए 129 टीमों के ऊपर 26 सुपरवाइजर नियुक्त किए गए हैं। इतना ही नहीं जनपद में 9 नोडल अधिकारी भी इस पूरे अभियान पर नजर रखने के लिए तैनात किए गए हैं। ये सभी मेडिकल अफसर हैं।
रोजाना 50 घरों में जाएगी एक टीम :
हर टीम रोजाना 50 घरों में जाएगी। दरवाजा खटखटाने के बाद टीम अभिवादन करने के साथ बताएगी कि हम लोग स्वास्थ्य विभाग से आए हैं। इसके बाद टीम घर के हर सदस्य से बात करके यह जानकारी जुटाएगी कि घर में किसी को 15 दिन से बुखार या खांसी तो नहीं है। बलगम में खून तो नहीं आ रहा है या फिर वजन तो नहीं गिर रहा है। उपरोक्त में कुछ भी होने पर टीम बलगम का सेंपल लेगी और उसकी जांच भी कराएगी। यदि जांच में टीबी पाई गई तो मेडिकल सुपरवाइजर उस घर पर जाकर टीबी का उपचार शुरू करेगा।
कुल साढ़े तीन लाख लोगों से बात करेंगी टीमें :
डीटीओ ने बताया कि सभी टीमें जनपद में कुल साढ़े तीन लाख लोगों से उपरोक्त सवाल पूछेगी। उन्होंने बताया कि सघन टीबी खोज अभियान के दौरान स्लम एरिया, घनी आबादी, दूर दराज के क्षेत्र, जेल और वृद्धाश्रमों पर खास फोकस रहेगा। घर के किसी भी सदस्य में टीबी के लक्षण न मिलने की स्थिति में टीम घर के आगे क्रॉस का निशान बनाएगी और अगले दिन फिर से जाकर इस निशान की पुष्टि करेगी।