सोनभद्र: घोरावल नरसंहार से पूर्वांचल स्तब्ध, क्षेत्र में पसरा मातम, 27 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज, 24 लोग गिरफ्तार

सोनभद्र: 30 ट्रैक्‍टर में आए सैकड़ों लोग, गांव घेरकर बिछा दी लाशें

सोनभद्र जिले के घोरावल कोतवाली क्षेत्र के मूर्तिया(उभ्भा) गांव में बुधवार को 90 बीघा विवादित जमीन के रंजिश में हुए नरसंहार से लोग स्तब्ध हैं। विवाद में दो पक्षों के बीच हुए खूनी संघर्ष में जिस तरह फायरिंग और गड़ासा चला सोनभद्र ही नहीं पूरे पूर्वांचल में चर्चा का विषय बना हुआ हैं। लोगों का कहना था कि हाल के दिनों में नक्सली घटनाओं को छोड़ दें तो विवाद में इतने लोग नहीं मारे गये। जघन्य सनसनी खेज वारदात से गांव में मूर्तिया में मातम पसरा है, जिन घरों के लोग मारे गये हैं। उन परिवारों में महिलाओं के आर्तनाद से माहौल भी बोझिल है।

इस बीच बताते चले उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में बुधवार को जमीनी विवाद में तीन महिलाओं समेत 11 लोगों की सामूहिक हत्या किए जोन के मामले में अब तक 27 लोगों के खिलाफ नामजद जबकि 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। सामूहिक हत्याकांड मामले में पुलिस ने अभी तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया है।

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मूर्तिया गांव के प्रधान यज्ञवत भूर्तिया ने बिहार के एक आईएएस अफसर प्रभात मिश्र से 90 बीघा जमीन गांव में खरीदी थी। उस पर कब्जा को लेकर उसका ग्रामीणों से विवाद चल रहा था। आज ग्राम प्रधान यज्ञवत जमीन पर कब्जा करने के लिए दर्जन भर ट्रैक्टर में सैकड़ों हथियार बंद लोगो को लेकर पहुंचा। और खड़ा होकर खेत जोतवाने लगा। यह देख दुसरे पक्ष के लोगों ने जिसका खेत पर कब्जा हैं इसका पुरजोर विरोध किया तो दोनों पक्षों में मारपीट होने लगी। इसी दौरान कुछ लोगों ने गड़ासा चलाने के साथ फायरिंग भी करना शुरू कर दिया। खूनी संघर्ष में खेत पर कब्जा रखने वाले पक्ष के लोग भी पीछे नही हट रहे थे। महिलाओं के चीख पुकार के बीच देखते ही देखते नौ लोगों की मौत हो गई। और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गये। गोली और लोगों की चीख पुकार सुन आसपास मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। तब तक कई हमलावर मौके से भाग निकले।

 

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सूचना पाते ही मौके पर क्षेत्रीय पुलिस के साथ आला अफसर भी मौके पर पहुंच गये। पुलिस ने एसपी सलमान ताज पाटिल की मौजूदगी में घायलों को तत्काल निकट स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र घोरावल और सोनभद्र जिला अस्पताल में इलाज के लिए भेजवाया। इस मामले में पुलिस ने ग्राम प्रधान पक्ष के पांच लोगों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया।

खूनी संघर्ष में मारे गये लोगों में तीन महिलाएं और आधा दर्जन पुरूष है। मृतकों में एक पक्ष के रामचंदर (50) पुत्र लालशाह, राजेश गौड़ (28) पुत्र गोविंद, अशोक (30) पुत्र नन्‍हकू, रामधारी (60) पुत्र हीरा शाह, महिला अज्ञात (45) पत्‍नी नंदलाल, दुर्गावती (42) पत्‍नी रंगीला लाल, राम सुंदर (50) पुत्र तेजा सिंह, जवाहिर (48) पुत्र जयकरन, सुखवन्‍ती (40) रामनाथ हैं । गंभीर रूप से घायलों में अशाेक गोंड (35) पुत्र हरिवंश, केरवा देवी (50) पत्‍नी राम प्रसाद, रामधीन (35) पुत्र तेजा सिंह हैं। अस्पताल में भी सोनभद्र के जिलाधिकारी, एसपी सहित अन्य अधिकारी देर तक डटे रहे।

खेतों में बिखरे खून और चप्पल देख दहला दिल

मूर्तियां गांव के खेत में जहां खूनी संघर्ष हुआ वहां चारों तरफ बिखरे खून और चप्पल देख गांव के लोगो का भी दिल दहल जा रहा था। मौके पर पहुंचे पुलिस विभाग के आला अफसर भी घटना को लेकर ग्रामीणों के साथ घटना में मारे गये लोगों के परिजनों से जानकारी लेने के लिए पूछताछ करते रहे। गांव में तनाव को देख भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया हैं। उधर क्षेत्र में चर्चा रही कि विवादित जमीन पर गोंड जाति के लोग लम्बे समय से खेती कर रहे थे।

इस जमीन को बिहार के आईएएस प्रभात कुमार मिश्रा ने तत्कालीन ग्राम प्रधान के सहयोग से अपने परिजनों के नाम करा लिया था। लेकिन जमीन पर कब्जा न होने पर उसने जमीन ग्राम प्रधान को बेच दिया। घटना के बाद विवादित जमीन के प्रभात मिश्र के नाम हस्तांतरित होने पर भी लोग सवाल उठा रहे थे। लोगों का आरोप था कि आइएएस अफसर और ग्राम प्रधान ने अपने रसूख से जमीन को पहले आदर्श कोआपरेटिव सोसायटी के नाम कराया था। लगभग 200 बीघा जमीन आरोपी ग्राम प्रधान यज्ञदत्त ने 17 अक्टूबर 2010 को अपने रिश्तेदारों के नाम करा लिया था। इसके बावजूद जमीन पर कब्जा ग्रामीणों का ही रहा।