पाकिस्तान से तनातनी के बीच अब भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र अरुणाचल प्रदेश में चीन की सेना ने घुसपैठ की है। इसे लेकर इलाके में तनाव उत्पन्न हो गई है। सूत्रों के अनुसार अरुणाचल प्रदेश के लोवर दिबांग वैली जिला के चकला गांव के अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में चीन की सेना ने घुसपैठ की है। चीन ने चाकलागाम क्षेत्रों की एक नदी पर लकड़ी का पुल बनाकर अरुणाचल में घुसपैठ को अंजाम दिया। सूत्रों बताते हैं कि चीन के सैनिक अब भी भारतीय सीमा में घुसे हुए हैं। इस बारे में अरुणाचल प्रदेश के ईस्ट संसदीय क्षेत्र के सांसद तापीर गाव ने कहा कि गांव के स्थानीय युवाओं से पता चला है कि उनके इलाके में चीनी सैनियों ने घुसपैठ की है। गांववालों ने बताया कि उन्होंने इसकी जानकारी केंद्र सरकार को दे दी है। केंद्र सरकार इस मामले में बात कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी इस क्षेत्र में चीन के सैनिक कई बार घुसपैठ कर चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक सांसद तापिर गाओ का कहना है कि चीनी सेना लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल से करीब 100 किमी अंदर भारतीय सीमा में दाखिल हुई और एक ब्रिज का निर्माण भी किया। उन्होंने कहा कि यह मामला अंजवा जिले के चागलगम इलाके का है। यह एक नो मैन्स लैंड है जो आबादी से करीब 25 किमी दूर है। पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें वीडियो भेजा था जिससे पता चला कि चीन किस तरह से एक तरफ भारत के साथ बेहतर संबंध की वकालत करता है तो दूसरी तरफ पीठ में छूरा भोंक रहा है।
तापिर गाओ कहते हैं कि चागलगम अरुणाचल प्रदेश की अंतिम प्रशासनिक यूनिट है। वहां से करीब 25 किमी दूर दियरू नाले पर पुल का निर्माण किया गया। इसके साथ वो यह भी बताते हैं कि पिछले साल अक्टूबर के महीने में इसी इलाके में इंडियन पेट्रोलिंग यूनिट और पीएलए का आमना सामना हुआ था। जब उनसे पूछा गया कि बीजेपी की केंद्र और राज्य दोनों जगह सरकार है आखिर वो इस मुद्दे को किस तरह उठाएंगे। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ये बात सच है कि चीन सहअस्तित्व की बात करता है। लेकिन उसकी तरफ से घुसपैठ के मामले सामने आते रहे हैं। अरुणाचल प्रदेश के इस हिस्से के अलावा भी घुसपैठ हुई है।