आईआईटी बॉम्बे के नए दिशा-निर्देश, किसी छात्र की जाति पूछी तो खैर नहीं !

मुंबई (ईएमएस)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (आईआईटी बी) ने छात्रों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिनमें उनसे उनके सहपाठी छात्रों के साथ उनकी जाति और क्षेत्र के बजाए खेल, संगीत और फिल्मों आदि की समानता के आधार पर जुडऩे के लिए प्रोत्साहित किया गया है। बीटेक (केमिकल) प्रथम वर्ष के छात्र दर्शन सोलंकी की मौत के बाद संस्थान पर लगे जातिगत भेदभाव के आरोपों के चलते यह दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। छात्रों के बीच इन दिशा-निर्देशों को प्रसारित करने के अलावा संस्थान के पवई परिसर में विभिन्न स्थानों पर इन्हें चस्पां किया गया है।

संस्थान द्वारा 29 जुलाई को सार्वजनिक किए गए दिशा-निर्देश के अनुसार, साथी छात्रों से उनके जन्म, प्रवेश और धर्म व जाति के बारे में पूछने को अनुचित ठहराया गया है क्योंकि इससे छात्र असहज महसूस कर सकते हैं। यह भी कहा गया है कि किसी छात्र से उसके जेईई एडवांस्ड रैंक या गेट के अंकों के बारे में पूछना या फिर ऐसी बात पूछना भी अनुचित है जिससे उसकी जाति या अन्य संबंधित पहलुओं का खुलासा होता हो। दिशा-निर्देश में छात्रों को विभाग, खेल, संगीत, फिल्में, स्कूल, कॉलेज और उनके शौक या रुचि जैसी समानताओं के जरिए जुडऩे के लिए प्रोत्साहित किया गया है। छात्रों को ऐसे संदेश साझा करने से भी मना किया गया है, जिसमें अपमानजनक, जातिवादी, लिंगवादी, यौन संबंधी या धर्म संबंधी टिप्पणी हो। ऐसे संदेशों को उत्पीडऩ या धमकाना समझा जा सकता है।

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