उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ अपने ही विधायकों ने योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ बगावत कर दी है। यूपी विधानसभा में अपनी ही सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए बड़ी संख्या में भाजपा विधायक धरने पर बैठ गए। मामले में विपक्ष भी उनके समर्थन में आ गया है। यह पहला मौका है जब सत्ता पक्ष की वजह से सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। मामले में भाजपा की किरकिरी हो गई है। विधायकों ने सदन में बोलने नहीं देने का आरोप लगाया है। भाजपा के करीब 200 विधायक, विपक्ष के विधायकों के साथ धरने पर बैठ गए हैं।
बता दें कि भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने सरकार पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। जिस पर बड़ी संख्या में भाजपा विधायक उनके समर्थन में आ गए। धरने पर बैठ गए हैं। सदन में विधायकों को बोलने नहीं देने का आरोप लगाया गया है। स्थानीय पत्रकारों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के एक विधायक से पूछताछ करने के लिए पिछले दिनों रात में पुलिस पहुंची थी। विधायक इस मामले को विधानसभा में उठाना चाहते थे। लेकिन उन्हें विधानसभा में बोलने नहीं दिया गया। जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी के विधायक नाराज होकर धरने पर बैठ गए।
विपक्षी विधायकों का मिला साथ
भारतीय जनता पार्टी के नाराज विधायकों को विपक्षी विधायकों का भी साथ मिला है। सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के विधायक भी धरने में शामिल हो गए हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा के भीतर योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए हैं। जिससे भाजपा में लखनऊ से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया है।
विधानसभा कल तक के लिये स्थगित
विधानसभा कल तक के लिये स्थगित हो गयी है पर भाजपा विधायकों के साथ विपक्ष के भी विधायक समर्थन में धरने पर बैठे हैं। विधायकों का आरोप है कि लगातार कई माह से उत्पीड़न हो रहा है। चंद अफसर मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहे हैं। विधायक और मीडिया के लोगों को अधिकारी निशाना बना रहे हैं। भाजपा विधायकों की लगातार बेइज्जती की जा रही है। विधायक ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि चार महीने में स्थायी मुख्य सचिव क्यों नियुक्त नहीं किया गया।