गला दबाने वाले बयान से पलटीं प्रियंका गांधी, अब बोली ये बात-देखे VIDEO

‘गला दबाने’ व ‘धक्का देकर गिराने’ की प्रियंका गांधी वाड्रा के बयान से उत्तर प्रदेश की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। हालांकि, प्रियंका भी अब गला दबाने वाली बात से पलटते हुए गला पकड़ने की बात कह रही है। इस बाबत कांग्रेस ने एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें प्रियंका के दावे जैसा कुछ नहीं दिख रहा है। इस बीच सीओ डॉक्टर अर्चना सिंह ने कहा- उन्होंने अपना फर्ज निभाया है। वहीं, भाजपा ने पूरे घटनाक्रम को नौटंकी करार दिया है।

यह है पूरा मामला
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। वे इन दिनों नागरिकता संशोधन काननू के विरोध में हिंसा के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों व हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार हुए सोशल एक्टिविस्टों से मिल रही हैं। इसी सिलसिले में शनिवार को प्रियंका लखनऊ में गिरफ्तार रिटायर्ड एसआर दारापुरी के परिवार से मिलने जा रही थी। प्रियंका ने आरोप लगाया था कि, उन्हें जगह-जगह रोका गया। जब वे पैदल चलने लगीं तो एक महिला पुलिसकर्मी ने उन्हें धक्कर देकर गिरा दिया और गला दबाया। हालांकि, बाद में प्रियंका ने दारापुरी की पत्नी से उनके घर पहुंचकर मुलाकात की। कांग्रेस ने घटना से संबंधित वीडियो भी जारी किया गया है।

बयान से पलटीं प्रियंका
कुछ समय बाद प्रियंका गांधी गला दबाने वाली बयान से पलट गईं। उन्होंने गला दबाने की जगह गले पर हाथ लगाने की बात कही।

सीओ ने कहा- गला दबाने वाली बात गलत, मैंने अपनी ड्यूटी निभाई
डॉक्टर अर्चना सिंह ने अपर पुलिस अधीक्षक प्रोटोकाल को भेजे पत्र में कहा है कि, मेरी ड्यूटी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के कार्यक्रम में फ्लीट प्रभारी के रूप में थी। कांग्रेस महासचिव ने पार्टी कार्यालय माल एवेन्यू से गोखले मार्ग स्थित कौल हाउस के लिए निकलीं, लेकिन 1090 चौराहे से निर्धारित मार्ग पर फ्लीट पर कई गाड़ियां जा रही थी, लेकिन प्रियंका गांधी की गाड़ी निर्धारित मार्ग पर न जाकर लोहिया पथ की तरफ जाने लगी। तब मैंने सुरक्षा के लिहाज से जानकारी चाही, मुझे नहीं पता था कि वे कहां जाना चाहती हैं, जिस पर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा जानकारी देने से इंकार कर दिया गया। इसके बाद प्रियंका गांधी गाड़ी से उतरकर पैदल कार्यकर्ताओं के साथ चलने लगीं। उन्होंने कहा- सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक बातें जैसे गला पकड़ना/गिराना आदि प्रसारित किया गया, जो असत्य है। मेरे द्वारा कर्तव्य निष्ठा से अपनी ड्यूटी का निवर्हन किया गया। घटना के दौरान मेरे साथ भी धक्का-मुक्की हुई।

चचेरे भाई की मौत, फिर भी प्रियंका की सुरक्षा में डटी थी सीओ
2008 बैच की पीपीएस असफर डॉ अर्चना सिंह मूलतः बस्ती जिले की रहने वाली है। पति प्रोफेसर प्रमोद सिंह है, एक बेटा और एक बेटी है। डॉक्टर अर्चना सिंह ने पीएचडी की है। पहली बार में उनका चयन पीपीएस ( पुलिस प्रांतीय सेवा यूपी) में हो गया था। सीओ अर्चना सिंह को शनिवार सुबह चहेरे भाई की मौत की सूचना मिली। लेकिन वीवीआईपी ड्यूटी पर होने उन्हें अवकाश नहीं मिल सका।

कॉन्ग्रेस द्वारा जारी वीडियो का स्क्रीनशॉट

प्रियंका गांधी और सीओ के बीच कब क्या हुआ-

4:50 बजे- प्रियंका गांधी माल एवेन्यू स्थित कांग्रेस मुख्यालय से निकलीं

5:12 बजे- लोहिया चौराहे पर सीओ अर्चना सिंह ने रोका, अभद्रता का आरोप

5:20 बजे- गाड़ी से उतर कर पैदल चलने लगीं प्रियंका

5:32 बजे- फ्लाईओवर पर कार्यकर्ता की स्कूटी पर बैठकर जाने लगीं

5:39 बजे- वेव सिनेमा के पास फिर सीओ ने रोक लिया

5:42 बजे- पॉलिटेक्निक चौराहे पर सीओ पर प्रियंका को गिराने का आरोप

6:07 बजे- रिटायर्ड आईएएस एसआर दारापुरी के घर पहुंचीं

6:27 बजे- इंदिरानगर से कांग्रेस मुख्यालय के लिए रवाना हो गई।

सरकार के प्रवक्ता ने पूरे घटनाक्रम को नौटंकी बताया
सरकार के प्रवक्ता व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पूरे घटनाक्रम को नौटंकी करार दिया है। कहा- प्रियंका का पूरा परिवार झूठ पर फल फूल रहा है। इस तरह के काम से उन्हें सिर्फ अस्थाई पब्लिसिटी मिलेगी, वोट नहीं। प्रियंका वाड्रा की नौटंकी की निंदा होनी चाहिए।

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