यूपी पुलिस भर्ती- 2018 की बायोमैट्रिक जांच में पकड़े गए 15 मुन्नाभाई, पैसे व सम्बन्ध में हुआ खेल

प्रयागराज । उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती-2018 में परीक्षा पास करके शरीरिक परीक्षा देने पहुंचे 15 मुन्नभाई बायोमैट्रिक जांच के दौरान मंगलवार को गिरफ्तार किए गए। सभी के खिलाफ कर्नलगंज थाने में मुकदमा दर्ज करके जेल दिया गया है।

पुलिस अधीक्षक अपराध आशुतोष मिश्रा ने बताया कि पकड़े अभ्यार्थियों के स्थान पर दूसरे लोगों ने लिखित परीक्षा दी। जिससे वह परीक्षा पास करके फिजिकल देने के लिए मंगलवार सुबह पुलिस लाइन परिसर में आए हुए थे। पकड़े आरोपितों में आठ मुन्नभाई प्रयागराज जनपद के निवासी है। जबकि सात पड़ोसी जनपद प्रतापगढ़ के है।

पकड़े गए आरोपितों में अर्जुन सराज, सचिन कुमार सरोज, आशीष, ज्ञानचन्द्र सरोज, सुजीत कुमार, संतोष कुमार,संतोष कुमार प्रयागराज,राकेश कुमार, अमित कुमार, मनोज कुमार भारतीया, सुनील कुमार, अजय कुमार,मानिक चन्द्र, रमेश कुमार, धर्मराज है।

उन्होंने बताया कि पकड़े गए अभ्यार्थियों का परीक्षा केन्द्र अलग-अलग स्थानों पर था। लिखित परीक्षा के दौरान उनके स्थान पर दूसरे लोगों ने बैठकर परीक्षा दी और पास हो गए। लेकिन शरीरिक परीक्षा के दौरान आंख एवं फिंगर प्रिन्ट मिलान तथा फोटो ग्राफ के माध्यम से पकड़े गए।

पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड द्वारा आयोजित आरक्षी पुलिस एवं आरक्षी प्रादेशिक आर्म्ड कान्स्टेबुलरी पुलिस भर्ती- 2018 के अभिलेखों की संवीक्षी एवं शारीरिक मानक परीक्षण किया जा रहा था। यह परीक्षा जनवरी 2019 को हुई जिसमें कुल आठ हजार सत्तर लोगों ने परीक्षा दी। जिसमें 734 लोगो का शरीरिक परीक्षण शेष रह गया था। जिसकी शरीरिक परीक्षा देने के लिए मात्र 32 अभ्यार्थी शरीरिक परीक्षा देने आए। 16 अभ्यार्थी उत्तीण हुए और 15 अभ्यार्थियों को बायोमैट्रिक जांच के दौरान उनकी फोटो एवं फिंगर प्रिन्ट का मिलान नहीं हुआ। पूछताछ के दौरान अभ्यार्थियों ने बताया कि उनके स्थान पर दूसरे लोगों ने परीक्षा दी थी।

पैसे एवं सम्बन्ध में हुआ खेल

पकड़े आरोपियों ने बताया कि कोई पचास हजार, एक लाख और किसी अभ्यार्थी का रिस्तेदार उनके स्थान पर बैठकर लिखित परीक्षा दिया था। जिससे वे पास हो गए। लेकिन शरीरिक परीक्षा के दौरान पकड़े गए।

सरकार की पारदर्शिता का परिणाम

सरकार द्वारा अत्याधुनिक तकनीकों के प्रयोग से अब भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में कामयाबी की शुरूआत हो चुकी है। किसी भी परीक्षा में भ्रष्टचार करके नौकरी पाने में कामयाब नहीं हो पाएगे। भ्रष्टाचारियों की सभी जुगत तकनीकी के आगे पूरी तरह से विफल साबित हो रही है।