सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास पर बढ़ रहा देश: वित्त मंत्री

 

नई दिल्‍ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2020-21 का आम बजट संसद के पटल पर रख दिया है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि हमारी बुनियाद मजबूत है। ये देश की आकांक्षाओं का बजट है।

अपने बजट भाषण की शुरुआत करते हुए सीतारमण ने कहा कि मई 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा सरकार बनाने का जनादेश मिला। उन्हें पूरी विन्रमता के साथ जनता की सेवा करने का मौका मिला। सीतारमण ने कहा कि यह जनादेश केवल राजनीतिक स्थिरता के लिए नहीं था बल्कि आर्थिक नीतियों के लिए भी था। ये बजट हर महिला, हर अल्पसंख्यक, देश के प्रत्‍येक नागरिक की हर उम्मीदों और आकांक्षाओं का है।

उन्‍होंने कहा कि जीएसटी इस देश की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे अहम रहा है। इसके मुख्य रचयिता अब हमारे बीच नहीं हैं। हम दिवंगत अरुण जेटली को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। वे कहते थे कि भारत, भारत ही रहेगा जब केंद्र और राज्य साझा खुशहाली के लिए एकसाथ काम करेंगे। जीएसटी काउंसिल के बीच आम सहमति यह बताती है कि भारत राष्ट्रहित के लिए मतभेदों को भुला सकता है।

जीएसटी की वजह से लोग बचा पा रहे पैसा

वित्‍त मंत्री ने कहा जीएसटी की वजह से लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट में फायदा मिला है। चेक पोस्ट हटने से 20 फीसदी लागत कम हुई है। इंस्पेक्टर राज खत्म हुआ है। अब लोग अपने परिवार के मासिक खर्च का 4 फीसदी हिस्सा जीएसटी की वजह से बचा पा रहे हैं। जीएसटी काउंसिल लोगों की दिक्कतों को सुलझाने का काम रहा है। इसके साथ ही हमने 60 लाख नए टैक्सपेयर्स जोड़े हैं। 40 करोड़ रिटर्न फाइल हुए हैं।

नया रिटर्न सिस्टम भी 1 अप्रैल से लागू हो रहा है। एक पूर्व प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल में कहा था कि सरकारी योजनाओं का फायदा अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंच पा रहा है। एक रुपये में से 15 पैसे ही लोगों तक पहुंच रहे हैं लेकिन हमने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के जरिए लोगों तक सीधा और पूरा फायदा पहुंचाने की कोशिश की है।

वित्‍त मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत, उज्ज्वला, इंश्योरेन्स प्रोटेक्शन और किफायती घरों जैसी योजनाओं के जरिए हम ऐसा कर पाए हैं। इससे जो फायदा कुछ ही लोगों तक पहुंचता था, अब वह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच रहा है। भारत ने 27.1 करोड़ लोगों को गरीबी की रेखा से बाहर निकाला है। हमारी सरकार देश को आगे ले जाने का काम कर रही है। दो बड़े बदलाव हो रहे हैं-टेक्नोलॉजी बदल रही है और प्रोडक्टिव वर्कफोर्स भी बढ़ रही है। हमने पिछले 5 साल में जो कोशिशें की हैं, इससे देश को आगे बढ़ाने में मदद मिली है।

सीतारमण ने बजट भाषण में कहा कि यह बजट तीन थीम पर खड़ा है। ऐस्पिरेशनल इंडिया, इकोनॉमिक डेवलपमेंट फॉर ऑल और केयरिंग सोसायटी। डिजिटल रिवॉल्यूशन ने भारत को दुनियाभर में नेतृत्व के तौर पर सबसे आगे ला दिया है।

बजट भाषण में निर्मला ने पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली को किया याद

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करते हुए दिवंगत नेता पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली को याद करते हुए कहा कि वह वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के मुख्य शिल्पकार थे।

सीतारमण ने लोकसभा में आम बजट 2020-21 पेश करते हुए अपने भाषण में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) का जिक्र करते हुए अरुण जेटली को याद किया। उन्होंने कहा ‘सबसे पहले वह जीएसटी के मुख्य शिल्पकार अरुण जेटली को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। वह जीएसटी के मुख्य शिल्पकार थे और इस कर प्रणाली को लागू करने का श्रेय उन्हें ही है।’

जेटली का पिछले वर्ष निधन हो गया वह मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में वित्त मंत्री थे । जेटली ने ही वर्ष 2017 में देश में जीएसटी लागू किया था।

सीतारमण ने जीएसटी के फायदे गिनाते हुए कहा कि कम जीएसटी दर की वजह से औसत परिवार के मासिक खर्च में 4 प्रतिशत की बचत हुई है। इसके साथ ही संरचनात्मक सुधारों में वस्तु एवं सेवा कर देश में ऐतिहासिक रहा है । उन्होंने कहा कि जीएसटी से देश आर्थिक रुप से एकीकृत हुआ है और इसके लागू होने से इंस्पेक्टर राज का खात्मा हुआ है।

निर्मला ने कहा कि जीएसटी को लागू किए जाने से देश में टैक्स को लेकर काफी सुधार हुए हैं। इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी से आम जनता पर टैक्स के बोझ में कमी आई है और 60 लाख नए करदाता बढ़े हैं।

उल्लेखनीय है एक जुलाई 2017 से पूरे देश में जीएसटी लागू हो गया था। इस नए कर प्रणाली में इसमें पूरे देश में कर के 4 चार स्लैब रखे गए थे।

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