नई दिल्ली । केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को आम बजट 2020-21 के भाषण में शिक्षा क्षेत्र के लिए 99,300 करोड़ रुपए और कौशल विकास के लिए 3000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में बड़े निवेश की जरूरत है। उन्होंने कहा कि केंद्र जल्द ही नई शिक्षा नीति की घोषणा करेगा। इसके लिए देशभर से दो लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क द्वारा शीर्ष 100 में स्थान पाने वाले संस्थानों द्वारा ऑनलाइन डिग्री कार्यक्रम शुरू किये जाएंगे। भारत में अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए आईएनडी-एसएटी परीक्षा शुरू करने का प्रस्ताव है। शिक्षा का खर्च नहीं उठा सकने वाले गरीब छात्रों के लिए एक ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम लाया जाएगा।
सीतारमण ने कहा कि बजट में केंद्र सरकार ने रोजगार देने वाली शिक्षा पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत के युवा नौकरी के अवसर पैदा करना चाहते हैं। बजट में राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय फॉरेंसिक विश्विवद्यालय का प्रस्ताव है।
बजट 2020 के खास बिंदु
2019 में सरकार का कर्ज घटकर जीडीपी का 48.7 फीसदी हुआ।
पांच साल में एफडीआई निवेश 28400 करोड़ डॉलर आया।
पांच साल में औसत महंगाई दर 4.5 फीसदी और औसत जीडीपी ग्रोथ 7.4 फीसदी रही ।
अप्रैल 2020 तक जीएसटी का आसान वर्जन आएगा।
युवाओं को रोजगार देने की कोशिश करेंगे।
पिछले पांच साल में 60 लाख नए करदाताओं को जोड़ा गया।
जीएसटी लागू करना सरकार का ऐतिहासिक फैसला रहा।
हमारी अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत, अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने की कोशिश जारी।
मेडिकल उपकरणों के लिए नई स्कीम लाएंगे।
पीपीपी मॉडल के तहत 5 नई स्मार्ट सिटी बनाई जाएगी ।
इंवेस्टमेंट क्लीयरेंस सेल बनाया जाएगा।
नेशनल फोरेंसिक यूनिवर्सिटी का प्रावधान।
स्किल डेवलपमेंट के लिए 3000 करोड़ रुपये आवंटित।
एजुकेशन सेक्टर के लिए 99300 करोड़ रुपये आवंटित।
‘स्टडी इन इंडिया’ को बढ़ावा देंगे।
गरीब छात्रों के लिए ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम का प्रावधान ।
जिला अस्पतालों में मेडिकल यूनिवर्सिटी का प्रावधान।
एजुकेशन सेक्टर के लिए एफडीआई लाई जाएगी।
जल्द लाई जाएगी नई एजुकेशन पॉलिसी।
2025 तक टीबी को खत्म करेंगे।
जलजीवन मिशन के लिए 3.6 लाख करोड़ रुपये आवंटित।
स्वच्छ भारत के लिए 12300 करोड़ रुपये आवंटित ।
हेल्थ सेक्टर के लिए 69000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव ।
आयुष्मान योजना के तहत पीपीपी मॉडल पर बनेंगे नए अस्पताल ।
इंटरनेशनल, नेशनल रूट पर कृषि उड़ान योजना को शुरू किया जाएगा।
कृषि, सिंचाई के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये आवंटित।
मत्स्यपालन विस्तार के लिए फ्रेमवर्क तय होगा।
2025 तक मिल्क प्रोसेसिंग क्षमता दोगुनी करेंगे।
नाबार्ड री-फाइनेंसिंग स्कीम का दायरा बढ़ाएंगे।
किसान क्रेडिट के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य।
धान्य लक्ष्मी योजना के जरिए महिलाओं को नाबार्ड की मदद से बीज बैंक बनाने की सुविधा।
फसल उत्पादन के लिए समुचित संख्या में वेयर हाउस बनाएंगे।
रसायन मुक्त खेती के लिए भी प्रावधान।
बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा के लिए 15 लाख उपकरण लगाने के लिए सुविधा देगी सरकार।
पीपीपी मॉडल के तहत किसान रेल बनेगी।
केमिकल फर्टिलाइजर इंसेंटिव तरीके को बदलेंगे।
मॉर्डन एग्रीकल्चर लैंड एक्ट को राज्य सरकारों द्वारा लागू करवाएंगे।
देश के 100 सूखा ग्रस्त जिलों के विकास पर काम होगा।
देश के 20 लाख किसानों को सोलर पंप मुहैया करवाएंगे।
पीएम फसल बीमा योजना से करीब 6.22 करोड़ किसानों को लाभ।