
कोलकाता: देश की राजधानी दिल्ली में चुनाव संपन्न हो गए है और कल 11 फ़रवरी को चुनावी नतीजे भी आ जाएंगे। अगर एग्जिट पोल के नतीजे देखे जाए तो अरविंद केजरीवाल एक बार फिर से दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने जा रहे है लेकिन बीजेपी अपनी सरकार बनने का दावा कर रही है। खेर जो भी हो वह तो कल सामने आ ही जाएगा।
लेकिन इस बार का दिल्ली चुनाव विकास बनाम हिंदू मुस्लिम हुआ था, जहा एक तरफ आम आदमी पार्टी ने इस बार चुनाव में बिजली,पानी और शिक्षा को मुद्दा बनाया वहीं बीजेपी ने हिंदू मुस्लिम,शाहीन बाग और पाकिस्तान को मुद्दा बनाया लेकिन एग्जिट पॉल के नतीजों से तो लग रहा है दिल्ली कि जनता ने बीजेपी के मुद्दे को नकार कर विकास के मुद्दे को चुना है।
अरविंद केजरीवाल की फ्री बिजली,पानी और इंटरनेट सुविधा की इस बार जमकर धूम रही और अरविंद केजरीवाल कि लहर भी देखने को मिली। अरविंद केजरीवाल की इस फ्री पॉलिसी ने जहां एक तरफ जनता का ध्यान खींचा वहीं अन्य राज्य भी चुनावी फायदा उठाने के लिए इस पॉलिसी को अमल में लाने की योजना बना रहे है। दिल्ली के बाद अगले साल बिहार और फिर पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने है।
West Bengal govt announces free electricity for consumers with quarterly consumption up to 75 units
— Press Trust of India (@PTI_News) February 10, 2020
इसी क्रम में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के नक्शे कदम पर चलते हुए फ़्री बिजली देने का ऐलान किया है। हालांकि यह योजना दिल्ली की योजना से थोड़ी अलग है। जहा दिल्ली में लोगो को 200 यूनिट फ्री बिजली दी जा रही है वहीं ममता ने 75 यूनिट बिजली देने का ऐलान किया है उसमे भी एक शर्त रखी गई है।
ममता बनर्जी द्वारा दी जा रही इस 75 यूनिट मुफ्त बिजली का फायदा 3 महीने का होगा इसका मतलब आपको एक महीने में सिर्फ 25 यूनिट ही बिजली मुफ्त मिलेगी।
ममता बनर्जी के इस घोषणा के बाद लोगो ने इस कदम का स्वागत किया है वहीं कुछ लोग इसका भरपूर मजाक भी उड़ा रहे है