
सतना. दो साल पहले रांग नंबर से फोन पर बातें शुरू हुईं। नजदीकियां बढ़ी तो दोनों एक साथ घर से भाग गए। लेकिन तब तक युवती को युवक की जाति के बारे में पता नहीं था। जब दोनों करीब आए तो युवक ने अपनी जाति के बारे में बताया। हालांकि युवती को इससे परहेज नहीं था लेकिन गांव लौटते ही उसने यह बात सभी से छिपा कर रखी। एक दिन युवक की रहस्यमयी मौत हो गई। इसके बारे में युवती ने पड़ोस में तक खबर नहीं होने दी और अपने ही घर में कब्र खोदकर उसे दफना दिया। कुछ दिनों बाद जब युवती को उसका प्रेमी सपने में दिखने लगा तो वह परेशान हो गई। थक हार कर युवती किसी तरह युवक के गांव आई और उसकी मौत की खबर उसके घर वालों को दी। सुनते ही गांव वालों ने युवती को घेर लिया। इस बीच किसी ने डायल 100 को खबर दी तो पुलिस पहुंची। जब पुलिस का दखल हुआ तो युवक की रहस्यमयी मौत का मामला समाने आ गया। इसके बाद पुलिस तफ्तीश में जुट गई है।
कटनी से हुआ साथ
यह बात सामने आई है कि रामनगर के मिरगौती गांव में रहने वाले इंसाफ मोहम्मद पुत्र रब्बान मोहम्मद (26) की दो साल पहले 2017 में फोन पर रांग नंबर से सीधी जिले केकुसमी थाना अंतर्गत कमछ करौंटी गांव मं रहने वाली ज्ञानू सिंह गौड़ पुत्री सूरज भान सिंह गौंड़ से बात हुई। दोनों अक्सर बातें करने लगे और फिर एक दिन इंसाफ ने ज्ञानू को कटनी बुलाया। ज्ञानू भी प्रेम प्रसंग में थी एेसे में वह कटनी चली गई। दोनों मिले और एक साथ हैदराबाद चले गए। यहां इंसाफ घर वालों को हैदराबाद जाने का कहकर गया था।
संबंध बने तो बताई जाति
सूत्र बताते हैं कि हैदराबाद पहुंचने पर इंसाफ ने ज्ञानू को बता दिया था कि वह मुस्लिम समुदाय से है। इस बात से ज्ञानू को परहेज नहीं था और वह साथ रहने लगी। कुछ दिन वहां रहने के बाद दोनों कमछ करौंटी लौट आए। यहां इंसाफ ने खुद को राजू सिंह सोंटिया बताया। उसने कुछ दिन रहने के बाद राजू सिंह सोंटिया पुत्र विनय सिंह सोंटिया के नाम से आधार कार्ड भी बनवा लिया था।
मैं मरूं तो दफना देना
युवती ने पुलिस को बताया कि इंसाफ उसे कहता था कि जब मैं मरूं तो दफना देना। ६ दिसंबर को दोनों के बीच विवाद हुआ। रात के वक्त मारपीट भी हुई। इस दौरान ज्ञानू की मां ने दोनों को समझाते हुए शांत करा दिया। ज्ञानू ने पुलिस केा बताया है कि अगली सुबह वह लकड़ी लेने गई और उसकी मां मवेशी लेकर निकल गई थी। जब घर लौटी तो देखा कि इंसाफ फांसी के फंदे पर लटका है।
तीन घंटे में खोदी कब्र
यह बात सामने आई है कि ज्ञानू ने खुद ही फांसी का फंदा काटा और इंसाफ को जमीन पर लेटा दिया। इसके बाद उसने अपने ही घर में रात 11 बजे से दो बजे तक कब्र खोदी और इंसाफ को दफना दिया। करीब पांच दिन बाद जब गंध आने लगी तो बाहर से मिट्टी लाकर डाली और ऊपर से कोदो का पैरा जमा दिया। कुछ दिन बीते तो ज्ञानू को सपने में इंसाफ दिखने लगा। ज्ञानू का कहना है कि इंसाफ उसे हर बार यही कहता था कि उसका कफन दफन ठीक से नहीं हुआ उसके घर वालों को बताओ। बार बार सपनों से परेशान ज्ञानू किसी तरह मिरगौती पहुंच गई।
पुलिस की नजर में घर
15 फरवरी को जब ज्ञानू ने मिरगौती आकर इंसाफ की मौत के बारे में उसके घर वालों को बताया तो सभी भड़क गए। गांव वालों ने ज्ञानू को घेर लिया था। इस बीच एक महिला ने पुलिस को खबर दी। डायल 100 टीम पहुंची तो मामला उलझा देख टीआइ दिलीप पुरी को जानकारी दी गई। इसके बाद ज्ञानू को सुरक्षित रामनगर थाना लाया गया। इंसाफ के परिवार को भी बुलाया और फिर मामले के बारे में कुसमी थाना पुलिस को खबर दी गई। यहां से ज्ञानू और इंसाफ के परिवार को कुसमी रवाना कर दिया गया। जब कुसमी थाना पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की तो मामला गंभीर समझ आया। एेसे में सोमवार को एसडीओपी अभिनव कुमार बारंगे, थाना प्रभारी कुसमी विनायक नाथ योगी, पोड़ी चौकी प्रभारी आकांक्षा पाण्डेय, नायब तहसीलदार मणिराज सिंह बागरी, हल्का पटवारी राजीव सिंह कमछ करौंटी पहुंचे। घटना स्थल देखने के बाद ज्ञानू और उसकी मां को पोड़ी चौकी में बैठा लिया गया। जबकि इंसाफ के परिजन कुसमी थाना में हैं। अंधेरा होने पर खनन कार्रवाही नहीं हो सकी। अब मंगलवार को घटना स्थल पर खनन कर शव निकाला जाएगा। फिलहाल युवती के बताए घटना स्थन को पुलिस ने निगरानी में रखा है।