
नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में अब तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हैं। दिल्ली पुलिस इस मामले में अब तक 130 एफआईआर दर्ज कर चुकी है जबकि 28 एफआईआर आर्म्स एक्ट के तहत की गईं हैं। वहीं, पुलिस ने 600 लोगों को हिरासत में लिया है। लेकिन अब दिल्ली पुलिस की ओर से एक बड़ा खुलासा किया गया है कि हिंसा में इस्तेमाल किए गए हथियार उत्तर प्रदेश में चलने वाली अवैध फैक्ट्रियों में बने थे।
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान दंगाइयों ने जमकर अवैध असलहों का इस्तेमाल किया। यह अवैध असलहे उत्तर प्रदेश की अवैध फैक्ट्रियों में बनाए गए थे।
बताया गया है कि इन फैक्ट्रियों में तमंचा ऑन डिमांड बनाया जाता है। दिल्ली पुलिस ने अब अवैध हथियार के धंधे में संलिप्त तमाम बदमाशों को राडार पर ले लिया है।
इस हिंसा के दूसरे ही दिन यानी 25 फरवरी को जिस दिन अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दिल्ली में थे, तब की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें लाल टीशर्ट और नीली जींस पहने शाहरुख नाम का एक व्यक्ति खुलेआम तमंचा तानता नजर आ रहा है।
इस हिंसा के दौरान ऐसे ना जाने कितने शख्स नजर आए जो अवैध असलहे लिए हुए थे। शुरुआती जांच में दिल्ली पुलिस को पता चला है कि इस दौरान इस्तेमाल किए गए ज्यादातर तमंचे यूपी की अवैध असलहा फैक्ट्रियों से खरीदे गए थे।
Delhi: A Forensic team is inspecting the spot where the body of Intelligence Bureau officer Ankit Sharma was found on 26th February. His body was found in #NortheastDelhi's Chand Bagh area. pic.twitter.com/72ARXfGzEe
— ANI (@ANI) February 28, 2020
सूत्रों के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश की इन देसी तमंचा बनाने वाली फैक्ट्रियों में ऑन डिमांड माल बनाया जाता है। बीते वर्ष दिल्ली की सीमा से लगे यूपी के तमाम इलाकों में ऐसे कई कारखाने पकड़े गए थे, जिनमें अवैध असलहे बनाए जा रहे थे।
Headmaster’s Son??#Shahrukh pic.twitter.com/LyYbe1kCv0
— Sambit Patra (@sambitswaraj) February 25, 2020
इन फैक्ट्रियों में बनने वाले देसी कट्टे-तमंचे राजधानी में ही बेचे जाते थे। दिल्ली पुलिस द्वारा एक अवैध कारखाने में छापा मारे जाने के बाद पकड़े गए बदमाशों ने खुद इस बात का खुलासा भी किया था।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि अक्टूबर 2019 में दिल्ली पुलिस ने ईशारा भी किया था अगर इन अवैध असलहा कारखानों को बंद नहीं किया गया, तो जब स्थिति बिगड़ेगी तब पत्थरबाजी नहीं बल्कि जमकर फायरिंग होगी। दिल्ली हिंसा के दौरान इसका ताजा उदाहरण देखने को भी मिल गया।
अब दिल्ली पुलिस हिंसा में फायरिंग से मारे गए लोगों के लगी गोली का मिलान पहले पकड़ी गई गोलियों से कर रही है। इससे भी पुलिस को काफी सफलता मिलने की उम्मीद है। पुलिस इस धंधे में लगे तमाम असलहा डीलरों पर शिकंजा कसने की जुगत में लगी हुई है।
बता दें कि दिल्ली हिंसा के दौरान दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की हत्या गोली लगने से होनी थी। जबकि इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) के सिक्योरिटी असिस्टेंट अंकित शर्मा की भी मौत पहले 400 बार धारदार हथियारों से हमले और फिर गोली मारने से हुई थी।