नई दिल्ली:
निर्भया गैंगरेप केस के चौथे दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारीज कर दी है. बाकी के तीन आरोपियों की दया याचिका पहले ही खारिज की जा चुकी है. इससे पहले सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप मर्डर के सभी दोषियों की फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी. सभी दोषियों को तीन मार्च की सुबह फांसी होनी थी. पटियाला हाउस कोर्ट ने फांसी की सजा को इसलिए टाल दिया था क्योंकि चारों में एक दोषी पवन की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित था. लेकिन बुधवार को राष्ट्रपति ने चौथे दोषी पवन गुप्ता की भी याचिका खारिज कर दी है. ऐसे में दोषियों के पास फांसी से पहले के सारे विकल्प खत्म हो चुके हैं.
ऐसा तीसरी बार हुआ था जब दोषियों की फांसी पर रोक लगी है. बता दें कि सबसे पहले 22 जनवरी को फांसी की तारीख मुकर्रर हुई थी. इसके बाद 1 फरवरी को फांसी की तारीख तय की गई थी. हालांकि दोषियों के वकील ने कानूनी दांवपेच लगाकर इसे रद्द करवा दिया था.
बता दें, सोमवार को फांसी टलने के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने इसे लेकर सिस्टम पर हमला बोला था. उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि यह सिस्टम की नाकामी दिखाता है. उन्होंने कहा था, ‘अदालत आखिर दोषियों को फांसी देने के अपने ही आदेश का पालन करने में इतना वक्त क्यों लगा रही है. फांसी का बार-बार टलना हमारे सिस्टम की नाकामी को दिखाता है. हमारा पूरा सिस्टम अपराधियों को संरक्षण देता है.’
इस मामले के चार दोषियों – मुकेश सिंह, अक्षय कुमार सिंह, पवन कुमार गुप्ता को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. मामले के दो अन्य दोषी – राम सिंह ने जेल में आत्महत्या कर ली थी वहीं एक नाबालिग को तीन साल की सजा के बाद सुधार गृह से छोड़ दिया गया था.