एक और नया पैतरा : अब निर्भया के दोस्त पर FIR दर्ज कराने के लिए दोषी पवन फिर पहुंचा HC

निर्भया गैंगरेप और हत्या के दोषी पवन कुमार ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर घटना के एकमात्र चश्मदीद गवाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि इस घटना का एकमात्र चश्मदीद गवाह का बयान भरोसे के लायक नहीं था और उसने किसी के कहने पर कोर्ट में अपना बयान दिया था।

पिछले 27 जनवरी को पटियाला हाउस कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने चश्मदीद गवाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दिया था। पवन के पिता ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की ओर से पिछले 6 जनवरी को उसकी याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी थी।

पवन कुमार के पिता की याचिका में कहा गया था कि पैसे देकर मीडिया इंटरव्यू देने की वजह से इस मामले का मीडिया ट्रायल किया गया जिससे केस पर असर पड़ा। याचिका में कहा गया था कि इस मामले के एकमात्र चश्मदीद गवाह और पीड़िता का दोस्त घटना वाले दिन पीड़िता के साथ बस में सवार था। उसकी गवाही के बाद ही चारो दोषियों को फांसी की सजा मुकर्रर की गई। याचिका में कहा गया था कि उसने कोर्ट में झूठी गवाही दी।

याचिका में उन खबरों को आधार बनाया गया था जिसके मुताबिक उसने कई न्यूज़ चैनल्स को इंटरव्यू देकर लाखों रुपये कमाए। न्यूज चैनल्स में खबरों की वजह से इस मामले का मीडिया ट्रायल हुआ और कोर्ट में ट्रायल पर असर पड़ा। याचिका में इसकी स्वतंत्र जांच की मांग की गई है। पवन के पिताजी ने इसकी शिकायत पुलिस से की थी लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की जिसके बाद उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

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