नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज फिर देश को संबोधित कर रहे हैं। यह उनका 5 दिन में दूसरी बार और 6 साल में छठा राष्ट्र के नाम संबोधन है। प्रधानमंत्री ने कहा- हिंदुस्तान को बचाने के लिए आज रात 12 बजे से देश में पूरी तरह लॉकडाउन होगा। यह जनता कर्फ्यू से ज्यादा सख्त होगा। यह 21 दिन का होगा। बाहर निकलना क्या होता है, यह 21 दिन के लिए भूल जाइए। 21 दिन नहीं संभले तो आपका देश और आपका परिवार 21 साल पीछे चला जाएगा।
कोरोना से मुकाबले के लिए इकलौता विकल्प है सोशल डिस्टेंसिंग
प्रधानमंत्री ने कहा- आप ये देख रहे हैं कि दुनिया के समर्थ से समर्थ देश को भी इस महामारी ने बेबस कर दिया है। ऐसा नहीं है कि देश प्रयास नहीं कर रहे हैं या उनके पास संसाधनों की कमी है। लेकिन, कोरोनावायरस इतनी तेजी से फैल रहा है कि तमाम तैयारियां और प्रयासों के बावजूद यह फैल रहा है। इन सभी देशों के दो महीनों के अध्ययन से जो निष्कर्ष निकल रहा है और जो विशेषज्ञ कह रहे हैं, वह यह है कि कोरोना से प्रभावी मुकाबले के लिए एकमात्र विकल्प है सोशल डिस्टेंसिंग।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण बातें देशवासियों के साथ साझा करूंगा। आज, 24 मार्च रात 8 बजे देश को संबोधित करूंगा।
Will address the nation at 8 PM today, 24th March 2020, on vital aspects relating to the menace of COVID-19.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 24, 2020
यह एक तरह से कर्फ्यू ही है, हर राज्य, जिला, गली-मोहल्ला लॉकडाउन किया जा रहा
प्रधानमंत्री ने कहा- अगर लापरवाही जारी रही तो भारत को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। यह कीमत कितनी चुकानी पड़ेगी, अंदाजा लगाना मुश्किल है। देश में दो दिनों से कई भागों में लॉकडाउन कर दिया गया है। राज्य सरकार के इन प्रयासों को गंभीरता से लेना चाहिए। हेल्थ सेक्टर के अनुभवों को ध्यान में रखते हुए देश महत्वपूर्ण निर्णय करने जा रहा है। आज रात 12 बजे से पूरे देश में पूरा लॉकडाउन होने जा रहा है। हिंदुस्तान को बचाने के लिए, हर नागरिक को बचाने के लिए, आपके परिवार और आपको बचाने के लिए आज रात 12 बजे से घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह पाबंदी लगाई जा रही है। राज्य, केंद्र शासित प्रदेश, हर जिला, गांव, कस्बा, गली-मोहल्ला लॉकडाउन किया जा रहा है। यह एक तरह से कर्फ्यू ही है। जनता कर्फ्यू से जरा ज्यादा सख्त है। कोरोना महामारी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए यह कदम बहुत आवश्यक है।
21 दिन नहीं संभले तो देश और परिवार 21 साल पीछे चले जाएंगे : मोदी
मोदी ने कहा- निश्चित तौर पर लॉकडाउन की आर्थिक कीमत देश को उठानी पड़ेगी। लेकिन, एक-एक भारतीय के जीवन, आपके परिवार को बचाना इस समय मेरी, भारत सरकार की, राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसलिए मेरी आपसे प्रार्थना है। हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं कि आप इस समय देश में जहां भी हैं, वहीं रहें। अभी के हालात को देखते हुए देश में लॉकडाउन 21 दिन का होगा। तीन सप्ताह का। पिछली बार बात की थी, तब मैंने कहा था कि मैं आपसे कुछ सप्ताह मांगने आया हूं। आने वाले 21 दिन हर नागरिक, हर परिवार के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। कोरोनावायरस का संक्रमण चक्र तोड़ने के लिए 21 दिन का समय बहुत अहम है। अगर 21 दिन नहीं संभले तो देश और आपका परिवार 21 साल पीछे चला जाएगा। कई परिवार हमेशा के लिए तबाह हो जाएंगे। यह बात एक प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, आपके परिवार के सदस्य के नाते कह रहा हूं। बाहर निकलना क्या होता है, यह 21 दिन के लिए भूल जाइए। घर में रहें और यही काम करें।
संक्रमण के चक्र को तोड़ना होगा
मोदी ने कहा- सोशल डिस्टेंसिंग यानी एक-दूसरे से दूर रहना। कोरोना से बचने का इसके अलावा कोई तरीका नहीं है। इसे फैलने से रोकना है तो उसके संक्रमण के चक्र को तोड़ना ही होगा। कुछ लोग इस गलतफहमी में हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग केवल मरीज के लिए आवश्यक है, यह सोच सही नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग हर नागरिक और हर परिवार के लिए है। प्रधानमंत्री के लिए भी है। कुछ लोगों की लापरवाही और गलत सोच आपको, आपके बच्चों, माता-पिता, आपके परिवार, आपके दोस्तों और पूरे देश को बहुत बड़ी मुश्किल में झोंक देगी।
जनता कर्फ्यू की सफलता के लिए धन्यवाद
मोदी ने कहा- मेरे प्यारे देशवासियो! आज मैं एक बार फिर कोरोनावायरस पर बोलने आया हूं। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का जो संकल्प हमने लिया था। एक राष्ट्र के नाते उसकी शुद्धि के लिए हर भारतवासी ने पूरी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ अपना योगदान दिया। बच्चे, बुजुर्ग, छोटे-बड़े हर वर्ग के लोगों ने परीक्षा की इस घड़ी में साथ दिया। जनता कर्फ्यू को हर भारतवासी ने सफल बनाया। एक दिन के जनता कर्फ्यू से भारत ने दिखा दिया कि जब देश पर संकट आता है, मानवता पर संकट आता है तो किस प्रकार से हम सभी भारतीय मिलकर उसका मुकाबला करते हैं। आप सभी जनता कर्फ्यू की सफलता के लिए धन्यवाद के पात्र हैं।
मोदी की सलाह नहीं मानी, लोग घरों से निकले और बाजारों में भीड़ रही
मोदी ने 19 मार्च को अपील की थी कि हर एक देशवासी अगले कुछ हफ्तों तक घर से बाहर न निकलें। बहुत जरूरी होने पर ही बाहर आएं। 60 से 65 साल या उससे ज्यादा उम्र के बुजुर्ग घर में ही रहें। इस अपील के बाद लोगों ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाया और शाम को 5 बजे थाली, शंख समेत अन्य चीजें बजाकर कोरोना से लड़ रहे लोगों का हौसला बढ़ाया। हालांकि बिहार, समेत अन्य राज्यों में लोगों ने मोदी की अपील नहीं मानी और घरों से निकले। यहां बाजारों में भीड़ नजर आई और लोग बसों में भी सफर करते नजर आए। इसके बाद मोदी ने दूसरी बार लोगों से अपील की और लोगों को घर में रहने के लिए कहा।
- पहला संबोधन : 8 नवंबर, 2016 (नोटबंदी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के दौरान देश को नोटबंदी की जानकारी दी थी। उन्होंने 500 और 1000 रुपए के करंसी नोट चलन से बाहर करने की बात कही थी। मोदी ने कहा था- आधी रात से ही 500 और 1000 रु. के नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे।
- दूसरा संबोधन : 15 फरवरी, 2019 (पुलवामा हमले के बाद)
पुलवामा में सीआरपीएफ के 40 जवानों की हत्या के बाद पीएम ने 15 फरवरी को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था, ‘‘इस हमले की वजह से देश में जितना आक्रोश है, लोगों का जितना खून खौल रहा है, उसे मैं समझ रहा हूं। इस समय जो देश की अपेक्षाएं हैं, कुछ कर गुजरने की भावनाएं हैं, वो स्वाभाविक हैं। हमने सुरक्षा बलों को पूर्ण स्वतंत्रता दी हुई है। हमें अपने सैनिकों के शौर्य पर पूरा भरोसा है।’’
- तीसरा संबोधन : 27 मार्च, 2019 (मिशन शक्ति)
मोदी ने 27 मार्च को राष्ट्र के नाम संबोधन में जानकारी दी थी कि डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने लोअर अर्थ ऑर्बिट में एक लाइव सैटेलाइट को मार गिराया है और भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। इससे पहले रूस, अमेरिका और चीन के पास ही यह ताकत थी।
- चौथा संबोधन : 8 अगस्त 2019 (अनुच्छेद 370 हटाने के बाद)
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने के बाद मोदी ने 8 अगस्त 2019 की रात आठ बजे देश को संबोधित किया था। अपने संबोधन में उन्होंने नए जम्मू-कश्मीर और नए लद्दाख के निर्माण का वादा किया था। मोदी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को भरोसा दिलाया था कि धीरे-धीरे हालात सामान्य हो जाएंगे और उनकी परेशानियां भी कम होती जाएंगी।