
देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या तेजी से बढ़ने के बीच लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर 3 मई तक कर दी गयी थी। बीते गुरुवार कर्नाटक के कलबुर्गी के चिट्टापुर तालुका में लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाकर सिद्धालिंगेश्वर पर्व मनाया गया। इस पर्व के दौरान लगने वाले मेले में सैंकड़ों लोग शामिल हुए और पारंपरिक तौर पर रथ यात्रा निकालते हुए दिखे।
A village in Chittapur of Kalburgi – deemed hotspot for #COVID19– violates lockdown restrictions to host Siddhalingeswara chariot festival as 100s gather. Kalburgi reported d first #COVID19 death in d country. Death toll in district now at 3 with 18 active cases@XpressBengaluru pic.twitter.com/Wx6uF31DXG
— Anusha Ravi Sood (@anusharavi10) April 16, 2020
गौरतलब है कि कलबुर्गी जिला कोरोना वायरस के लिहाज़ से बहुत संवेदनशील इलाका है और इसे हॉटस्पॉट भी घोषित किया गया है। कलबुर्गी जिले में ही कोरोना संक्रमण की वजह से देश में पहली मृत्यु दर्ज़ की गयी थी।
In this regard a case has already been registered https://t.co/eBRJwv7ccI
— KALABURAGI DISTRICT POLICE (@KlbDistPolice) April 16, 2020
रथ को खींचने के वीडियो में सामने आया है कि इस दौरान लोगों ने लॉकडाउन के नियमों का कोई पालन नहीं किया और न ही कोई दूरी बरक़रार नहीं रखी। कलबुर्गी पुलिस ने बाद में मामले पर ट्वीट करते हुए मामले की पुष्टि की और बताया कि केस भी दर्ज किया गया है।
कर्नाटक सरकार के सूचना विभाग का कहना है कि जिले के डिप्टी कमिश्नर ने मामला संज्ञान में ले लिया है और ज़रूरी कार्रवाई की जायेगी। सूचना विभाग के अनुसार कोरोना के मद्देनज़र इस धार्मिक आयोजन के लिए कोई अनुमति नहीं दी गयी थी। इससे पहले, 13 मार्च को भी इस इलाके में धार्मिक आयोजन हुआ था और ऐसी ही रथ यात्रा निकाली गयी थी। हालांकि, उस वक़्त लॉकडाउन नहीं लागू हुआ था।
बीते दिनों 10 अप्रैल को कर्नाटक सरकार में भाजपा विधायक एम जयराज ने भी धूमधाम से अपना जन्मदिन मनाया था और उसमें सैंकड़ों लोग शामिल हुए थे।
ऐसे नाज़ुक वक़्त में जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है, सैंकड़ों लोगों का धार्मिक समारोह में शामिल होना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। पुलिस अब ज़रूर कार्रवाई कर रही है, लेकिन मामला राज्य सरकार और प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े करता है। हालांकि, कलबुर्गी के लोगों को इस बात के लिए निश्चित रहना चाहिए कि उन्हें और उनके धर्म को तब्लीग़ी जमात के मामले की तरह निशाने पर नहीं लिया जायेगा।
कर्नाटक में अभी तक कोरोना के 315 मामले सामने आये हैं और 13 लोगों की मौत हो चुकी है।