
नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस ( Coronavirus in india ) का असर लगातार बढ़ रहा है। यही वजह है कि केंद्र सरकार ( Central Government ) ने देश में लॉकडाउन ( Lockdown ) की समय सीमा बढ़ाकर 3 मई तक कर दी थी। लेकिन अब इस अवधि के खत्म होने का समय भी नजदीक है। ऐसे में हर किसी की नजर इस बात पर टिकी है कि आखिर लॉकडाउन खुलेगा या नहीं। खुलेगा तो कैसे चलेगी जिंदगी।
इन सब सवालों के बीच नीति आयोग ( NITI Aayog ) ने लॉकडाउन के बाद जिंदगी किस तरह चलेगी इसको लेकर अपना 6 सूत्रों प्लान साझा किया है। दरअसल नीती आयोग के सीईओ ( CEO ) अमिताभ कांत ( Amitabh kant ) ने बताया कि लॉकडाउन के बाद जिंदगी कैसे चलेगी। आईए जानते हैं कौनसे 6 सूत्र उन्होंने बताए।
1. रेड जोन में सख्ती से पालन
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने भी 3 मई के बाद लॉकडाउन खुलने की परिस्थिति में ये साफ किया है कि रेड जोन में सभी पाबंदियों का सख्ती से पालन किया जाएगा। इसका मकसद भविष्य में होने वाले संक्रमण के खतरे को रोकना है।
2. फैशन बनेंगे मास्क और सामाजिक दूरी
अमिताभ कांत के मुताबिक मास्क और सामाजिक दूरी आने वाले समय में फैशन का हिस्सा बन जाएंगे। क्योंकि इसके जरिये ही कोरोना जैसी महामारी को रोका जा सकेगा।
3. कभी भी लौट सकता है कोरोना
नीती आयोग के मुताबिक भी कोरोना कभी भी वापसी कर सकता है। ऐसे में जो जगह कोरोना मुक्त हो गई है वो ये ना समझें कि वहां सब ठीक हो गया है। कोविड-19 का खतरा लगातार बना हुआ है। इसलिए सावधानी बरती पड़ेगी।
4. बुजुर्गों का रखें खयाल
लॉकडाउन खुलने के बाद भी कोरोना जैसी महामारी का खतरा बना रहेगा। ऐसे में बुजुर्गों का ज्यादा खयाल रखने की जरूरत है। कांत के मुताबिक उन लोगों की ज्यादा देखभाल की जरूरत है जो पहले से ही गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं।
5. वैक्सीन आने लगेगा वक्त
कोरोना जैसी महामारी से निपटने के लिए भारत समेत पूरी दुनिया लगी हुई है। तमाम वैज्ञानिक कोरोना वैक्सीन बनाने में जुटे हैं, लेकिन फिल्हाल इस वैक्सीन के आने लंबा समय लग सकता है। ऐसे में सतर्क रहकर ही इस बीमारी से बचा जा सकता है।
6. ना टूटे सप्लाईचेन और आजीविका
कोरोना जैसे घातक वायरस के बीच लागू लॉकडाउन की वजह से लोगों की आजीविका और अर्थव्यवस्था पर कोई असर ना पड़े। इसके लिए सप्लाई चेन टूटनी नहीं चाहिए।
नीति आयोग का प्लान और अमिताभ कांत की टिप्पणी इसलिए अहम है क्योंकि वह उन 11 अधिकारियों के सशक्त समूहों में से एक है जो महामारी के खिलाफ प्रतिक्रिया तैयार करने के लिए सौंपा गया है।