दावा! चीन ने सैनिकों को लगाना शुरू किया कोरोना का टीका

पेइचिंग :  दुनियाभर की सरकारें सबसे पहले स्‍वास्‍थ्‍यकर्मियों को कोरोना वायरस का टीका लगाने पर विचार कर रही हैं। उधर, दक्षिण चीन सागर से लद्दाख तक दादागिरी दिखा रहे चीन ने सबसे पहले अपने सैनिकों को कोरोना का टीका लगाना शुरू किया है। पीपल्‍स ल‍िबरेशन आर्मी की मदद से बनाई चीनी कोरोना वैक्‍सीन बड़े पैमाने पर सैनिकों को लगाई जा रही है। वह भी तब जब चीन की कोरोना वायरस वैक्‍सीन का तीसरे चरण ट्रायल चल रहा है। इसके नतीजे आने से पहले ही चीन ने सैनिकों को लगाना शुरू कर दिया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन में नागरिकों और सेना के लिए बनाई गई तकनीकों का एक-दूसरे के यहां इस्‍तेमाल आम बात है लेकिन राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के समय में यह और बढ़ गया है। शी ज‍िनपिंग ने चीनी सेना और नागरिकों के गठजोड़ का अभियान चलाया है और कोरोना वायरस ने इसे और बढ़ा दिया है। केनबरा में चाइना पॉलिसी सेंटर के डायरेक्‍टर एडम नी का कहना है कि चीनी सेना के अंदर जैविक और संक्रामक बीमारियों से लड़ने की काबिल‍ियत है और चीनी नेता इसका पूरा फायदा उठा रहे हैं।

एडम ने कहा कि CanSino की कोरोना वायरस वैक्‍सीन को चीनी सेना के साथ मिलकर बनाया गया है। CanSino ने अपने टेस्टिंग और वैक्‍सीन बनाने की क्षमता के कारण विरोधियों अमेरिका की मॉडर्ना, फाइजर, क्‍योरवैक और अस्‍त्राजेनेका को काफी पीछे छोड़ दिया है। चीनी सेना की मेडिकल साइंस की चीफ चेन वेई ने CanSino की इस वैक्‍सीन को बनाने में मुख्‍य भूमिका निभाई है।

डब्‍ल्‍यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक 21 में से 8 चीनी वैक्‍सीन
चीनी मीडिया की मानें तो चीनी वैक्‍सीन को विकसित करने के लिए डॉक्‍टर चेन वेई की जमकर तारीफ हो रही है। हालांकि डॉक्‍र चेन की इस वैक्‍सीन को बनाने में कोई आधिकारिक भूमिका नहीं है। हालांकि इससे पहले उ‍न्‍होंने कंपनी के लिए इबोला की वैक्‍सीन बनाई थी। यह एकमात्र ऐसी वैक्‍सीन नहीं है जिसे सफलता मिल रही है। डब्‍ल्‍यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक 21 में से 8 चीनी वैक्‍सीन हैं। चीनी सेना एक और वैक्‍सीन को बनाने में मदद कर रही है।

चीन के अलावा और कोई देश नहीं है जो कोरोना की प्रायोगिक वैक्‍सीन अपने सैनिकों को लगा रहा है। चीन में 741 गैर सैन्‍य शोधकर्ता पीएलए में काम कर रहे हैं। एडम कहते हैं कि चीनी सेना पर प्रायोगिक वैक्‍सीन का इस्‍तेमाल चीन के दुष्‍प्रचार का हिस्‍सा है। चीन यह द‍िखाने का प्रयास कर रहा है कि चीनी सेना देश के लिए बलिदान देने को तैयार है। साथ ही इसका एक फायदा यह है कि अगर चीनी वैक्‍सीन काम नहीं करती है तो इसकी जानकारी किसी को नहीं हो पाएगी।