श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन हुआ तेज, 13 अखाड़ों के संत शाही ईदगाह मस्जिद हटाने पर लेगें बड़ा फैसला

अयाोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनना शुरू हो गया है. कई दशक की लम्बी जद्दोजहद के बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने राम मंदिर निर्माण का रास्ता खुला. अब मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की लड़ाई की शुरुआत हो चुकी है और अब ये और तभी थमेगी जब वहां बंधक कृष्ण जन्मभूमि को मुक्त नहीं करा लिया जाता. कम से कम ‘अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद’ की सक्रियता को देख कर तो ऐसा ही लगता है. वृन्दावन में इसके लिए 15 अक्टूबर को सभी 13 अखाड़ों की बैठक बुलाई गई है. कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति और शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने के लिए जो याचिका दायर हुई है, उस मामले में अखाड़ा परिषद पक्षकार बनेगा या नहीं इस पर निर्णय लिया जाएगा.

‘अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद’ के अध्यक्ष महेंद्र गिरी ने कहा कि अखाड़ा परिषद आज से नहीं, बल्कि काफी पहले से ही भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि की मुक्ति और वहां औरंगजेब द्वारा बनवाए गए शाही ईदगाह मस्जिद को हटाए जाने की मांग करती आ रही है. उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद इस मामले में कोर्ट में पक्षकार बनेगा या नहीं, इसका निर्णय 15 अक्टूबर को होने वाली बैठक में ही लिया जाएगा.

अखाड़ा परिषद के सभी पदाधिकारी वृन्दावन में सिर्फ बैठक के लिए ही नहीं आ रहे हैं, बल्कि वो सभी मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि का भ्रमण भी करेंगे और पूरी स्थिति की समीक्षा करेंगे. बकौल महेंद्र गिरी, न सिर्फ मथुरा बल्कि काशी में स्थित भगवान विश्वनाथ के स्थल को भी मुक्त कर ज्ञानवापी मस्जिद हटाए जाने के लिए अखाड़ा परिषद काफी पहले से अभियान चलाता आ रहा है. अब सभी की नजरें इस बैठक पर टिकी हैं.

उधर मथुरा पर हिन्दुओं की सक्रियता को देखते हुए भड़के हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा है कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और शाही ईदगाह ट्रस्ट के बीच विवाद का जब वर्ष 1968 में फैसला हो गया था तो इसे फिर से दोबारा जीवित करने की क्या जरूरत है? उन्होंने ‘उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991’ का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे किसी भी धार्मिक स्थल पर परिवर्तन की मनाही है, इसीलिए ये कैसे हो सकता है?

बता दें कि भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की तरफ से याचिका कटरा केशव देव खेवट, मौजा मथुरा बाजार शहर की ओर से और उनकी अंतरंग सखी के रूप में अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री, विष्णु शंकर जैन, हरिशंकर जैन और तीन अन्य ने दाखिल किया है.