चीन की सेना में मचेगी तबाही, भारत ने किया एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण-देखे VIDEO

लद्दाख में चीन ने दगाबाजी कर भारतीय जमीन पर घुसपैठ की कोशिश की लेकिन उसके मंसूबों पर पानी फिर गया. भारतीय सेना ऐसा मुंहतोड़ जवाब दिया कि चीन के पसीने छूट गए. भारत ने पूर्वी लद्दाख के पेंगोंग झील इलाके में चीन को करारी शिकस्त दी. यहां की ऊंचाई वाली चोटियों पर भारत ने पीएलए को खदेड़कर कब्जा कर लिया है. चीन बौखला गया है और युद्ध की गीदड़ भभकी देता घूम रहा है. भारत ने ड्रैगन की इस धमकी को स्वीकार कर सीमा पर भारतीय सैनिकों की न सिर्फ मौजूदगी बढ़ाई है, बल्कि टैंक रेजीमेंट की भी तैनाती कर चुका है. इसके बाद भारत ने ऐसा कदम उठाया है जिससे पूरा चीन उसकी मारक जद में आ चुका है.

भारत ने एलएसी पर ऐसी खतरनाक मिसाइलें तैनात करने का फैसला लिया है जो युद्ध के दौरान पूरे चीन में तबाही मचा कर रख देगीं. ये मिसाइलें 1000 किमी तक मार कर सकती हैं. अब इसी कड़ी में भारत ने देश में विकसित किए गए लेजर चालित एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का परीक्षण सफल किया है. इसकी टेस्टिंग महाराष्ट्र के अहमदनगर में एमबीटी टैंक अर्जुन के जरिए केके रेंज में की गई. इससे पहले इसका ट्रायल ड्रोन पर भी सफल रहा है. वह टेस्ट 22 सितंबर को किया गया था.

मिसाइल परीक्षण में काम आने वाले हवाई टारगेट वाहन ‘अभ्यास’ का भी सफल परीक्षण
डीआरडीओ ने अभ्यास नाम के एक हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट का सफल उड़ान परीक्षण भी किया था. उड़ान परीक्षण ओडिशा के अंतरिम टेस्ट रेंज, बालासोर से किया गया था. इस वाहन का उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए लक्ष्य के रूप में किया जा सकता है.

बीते 23 सितंबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर डीआरडीओ को उसकी नयी सफलता की बधाई दी थी. केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भारत को टीम डीआरडीओ पर गर्व है, जो निकट भविष्य में आयात निर्भरता को कम करने की दिशा में काम कर रहा है.”

गौरतलब है कि हाल ही में राजनाथ सिंह ने सेना में हथियारों की खरीद को लेकर नई नीति का अनावरण किया था. इसके तहत भारत में स्वेदशी हथियारों के निर्माण पर जोर दिए जाने का प्रावधान है.