
पिछले साल 2018 में वैसे तो सुप्रीम कोर्ट (SC) के कई बड़े फैसले चर्चा में रहे लेकिन उनमें सबसे ज्यादा सुर्खियां आधार कार्ड से जुड़े फैसले ने बटोरीं. वहीं केंद्र सरकार की ओर से भी कई आधार पर बड़े बदलाव किए गए जिसने करोड़ों लोगों को राहत दी. आज हम उन्हीं बदलाव और फैसलों के बारे में बताने जा रहे हैं.
आज के दौर में लोगो के लिए आधार कार्ड एक जरूरी डॉक्युमेंट बन चुका है. कई जरूरी सुविधाओं के लिए आपके पास आधार कार्ड का होना अनिवार्य है. अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो बैंक अकाउंट खुलवाने या सिम कार्ड जारी करवाने में मुश्किलें होती हैं. लेकिन अब आपको इस मोर्चे पर राहत मिली है.
बताते चले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मोबाइल सिम कार्ड लेने तथा बैंक अकाउंट खुलवाने में पहचान पत्र के तौर पर आधार के स्वैच्छिक इस्तेमाल को मान्यता देने वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. इस मंजूरी के बाद सुनिश्चित हो गया है कि बैंक अकाउंट खोलना हो या मोबाइल फोन सिम कार्ड लेना हो, आधार पेश नहीं करने की स्थिति में किसी भी सर्विस से उपभोक्ता को इंकार नहीं किया जा सकता है. आसाना भाषा में समझें तो आप बिना आधार के भी दूसरा आईडी प्रूफ इस्तेमाल कर सिम कार्ड ले सकते हैं और बैंक अकाउंट भी खुलवा सकते हैं.
वहीं एक अन्य प्रावधान के तहत अब नाबालिग आधार धारक 18 साल की आयु पूरी करने पर अपनी आधार संख्या को रद्द करा सकता है. आधार से जुड़े प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले निकायों पर 1 करोड़ रुपये तक का आर्थिक जुर्माना लगाने का प्रावधान है. इसका पालन नहीं करने की स्थिति में प्रति दिन 10 लाख रुपये के अतिरिक्त जुर्माने का प्रावधान है.
आधार के अवैध इस्तेमाल पड़ सकता है आपको भारी
आधार के अवैध इस्तेमाल की स्थिति में तीन साल तक की कैद और 10 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. अगर अवैध इस्तेमाल करने वाला निकाय कोई कंपनी हुई तो जुर्माना 1 लाख रुपये तक हो सकता है.
क्यो लाना पड़ा अध्यादेश
दरअसल, आधार से जुड़ा विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद राज्यसभा में पारित नहीं हो पाया. यही वजह है कि सरकार को यह अध्यादेश लाना पड़ा.इस अध्यादेश को राष्ट्रपति से मंजूरी मिल गई है.
ये आधार कार्ड से जुड़े बदलाव
पैन कार्ड आवेदन पत्र में बदलाव
इस साल पैन कार्ड के आवेदन पत्र में दो बार बदलाव किया गया. पहले बदलाव के तहत फॉर्म में एक नया कॉलम जोड़ा गया. यह कॉलम ट्रांसजेंडर के लिए है. दूसरे बदलाव के तहत फॉर्म में पिता के नाम की अनिवार्यता को समाप्त कर दी गई. अब अगर आवेदक की मां सिंगल पैरंट है, तो फॉर्म में पिता का नाम भरना अनिवार्य नहीं रह गया है.
उज्ज्वला योजना में बदलाव
साल के आखिरी महीने में मोदी सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत सभी गरीब परिवारों को नि:शुल्क LPG कनेक्शन मुहैया कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. इससे पहले 2011 की सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना के आधार पर एलपीजी गैस दिए जा रहे थे. बाद में बढ़ाकर अनुसूचित जाति एवं जनजाति परिवारों और प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को भी शामिल कर दिया गया था. सरकार के नए फैसले के बाद अब हर गरीब परिवार को फ्री में LPG कनेक्शन मिलेगा.
पीएफ को लेकर बदलाव
इस साल पीएफ विद्ड्रॉअल के नए नियम लागू हुए हैं. नए नियम के तहत अगर किसी मेंबर की नौकरी चली जाती है तो वह 1 माह के बाद पीएफ अकाउंट से 75 फीसदी पैसा निकाल सकता है. पहले बेरोजगार होने के 2 महीने बाद ही पीएफ का पैसा निकाल सकते थे. नए नियम के बाद अब अगर बेरोजगार शख्स को दोबारा नौकरी मिल जाती है तो उसका पीएफ अकाउंट में कंट्रीब्यूशन फिर से शुरू हो जाएगा जबकि पहले अकाउंट बंद हो जाता था.
एनपीएस से जुड़े बदलाव
इस साल नेशनल पेंशन स्किम (NPS) अकाउंट में सरकार ने कई बड़े बदलाव किए . दरअसल, सरकार ने अपना कंट्रीब्यूशन बढ़ा दिया है. अब तक सरकार और कर्मचारियों का योगदान एनपीएस में 10-10 फीसदी था. लेकिन नए बदलाव के बाद सरकार का योगदान 10 फीसदी से बढ़कर 14 फीसदी हो गया है. वहीं, कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 10 फीसदी बना रहेगा. इसके अलावा रिटायरमेंट के बाद NPS अकाउंट से 60 फीसदी रकम निकालने को मंजूरी दी गई और इस रकम को टैक्स-फ्री भी कर दिया गया.
ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े बदलाव
अब ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी और इंश्योरेंस सर्टिफिकेट जैसे दूसरे दस्तावेजों साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये डॉक्युमेंट अब इलेक्ट्रॉनिक रूप में भी ये स्वीकार होंगे. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने हाल ही में राज्यों को इस संबंध में आदेश दिया है.