UN मुख्यालय के बाहर कई देश के लोगों का प्रदर्शन, पाक को आतंकवादी देश घोषित करने की मांग

न्यूयार्क। आतंकवाद के ख़िलाफ़ रविवार को यहां संयुक्त राष्ट्र संघ मुख्यालय के बाहर भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका तथा कैरेबियाई देशों के 400 से अधिक लोगों ने प्रदर्शन कर पाकिस्तान को एक आतंकवादी देश घोषित करने और जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी की श्रेणी में डाले जाने की पुरज़ोर मांग की।

इस अवसर पर प्रदर्शनकारियों की ओर से संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के नाम एक ज्ञापन भी दिया गया। प्रदर्शनकारी अपने हाथों में तख़्तियां लिये हुए थे, जिसकी इबारत साफ़-साफ़ बता रही थी कि इन आतंकी हरकतों के पीछे पाकिस्तानी सेना और आईएसआई नेतृत्व है, जिन पर कार्रवाई होना बहुत ज़रूरी है। प्रदर्शन में भाग लेने के लिए आतंकवाद के ख़िलाफ़ अपनी आवाज़ बुलंद करने के इरादे से आए प्रतिनिधियों ने भारत तथा अफ़ग़ानिस्तान में पाकिस्तान की ओर से लगातार की जा रही प्रायोजित आतंकी घटनाओं पर रोक लगाए जाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने पुलवामा में 14 फ़रवरी को भारतीय सुरक्षा बलों के 40 जवानों की शहादत पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए मांग की कि जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की जाए। इस प्रदर्शन में इज़राइल और पाकिस्तानी प्रांत बलूचिस्तान के लोगों ने भी एकजुटता का इजहार किया।

इज़राइल के यहूदी-अमेरिकी रिचर्ड बेंकिन ने कहा कि पाकिस्तान आज अन्तरराष्ट्रीय परिवार में एक नासूर बन चुका है। वह भारत में दशकों से आए दिन सीमा पार से आतंकी गतिविधियां कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज भारत इन पाकिस्तानी आतंकी गतिविधियों के विरुद्ध पुरज़ोर मुक़ाबला करने के लिए खड़ा है। इसलिए वक़्त आ गया है कि हम सभी पाकिस्तान की इन नापाक आतंकी हरकतों का मुंह तोड़ जवाब दें और उसे इस बात का अहसास करा दें कि अब वह कायराना आतंकी हरकतें नहीं चलेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान को अभी नहीं रोका गया, तो फिर बहुत देर हो जाएगी और ज़्यादा शहादत देनी पड़ेगी।

इस मौक़े पर बांग्लादेश हिंदू बुद्धिस्ट ईसाई एकता परिषद के बांग्लादेशी-अमेरिकन ने कहा कि इसी पाकिस्तानी सेना ने 1971 के युद्ध में क़रीब पांच लाख बांग्लादेशी महिलाओं का यौन शोषण किया। एक हिंदू अमेरिकी विंसेंट ब्रूनो ने कहा कि भारत ख़ुद एक सशक्त देश है। आज भारत पर एक ज़िम्मेदारी आई है कि वह इस्लामिक आतंकवाद को जड़ से मिटा दे। इसके लिए भारत को विदेशी शक्तियों का मुंह देखने की ज़रूरत नहीं है। इस प्रदर्शन में भारतीय प्रवासी समुदाय का नेतृत्व कृष्ण रेड्डी अंगुला ने किया।

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