आखिरकार कुंभकरण की नींद से जागा प्रशासन, डेड बॉडी के साथ कलेक्ट्रेट घेराव की चेतावनी पर गुलदार नरभक्षी घोषित

भास्कर समाचार सेवा
नजीबाबाद। भारतीय किसान नेताओं के द्वारा मृतक किशोर की डेड बॉडी के साथ कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी के बाद आखिरकार जिला प्रशासन कुंभकरण की नींद से जागा।आनन-फानन में गुलदार को नरभक्षी घोषित किया।
बृहस्पतिवार को सायंकाल लगभग 4:30 बजे पशुओं के लिए चारा लेने गए किसान जयवेंद्र के किशोर पुत्र पर हमला कर उसे नरभक्षी गुलदार द्वारा मौत के घाट उतारने व वन विभाग की लचर कार्यप्रणाली से आक्रोशित भाकियू नेताओं ने वन विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध मांगे पूरी न होने तक आंदोलन शुरू कर दिया था। भाकियू के मंडल अध्यक्ष बाबूराम तोमर ने भाकियू नेताओं व किसानों के साथ रात में ही मृतक संदीप की डेड बॉडी बर्फ की सिल्ली पर रखकर आंदोलन प्रारंभ कर दिया था। इसके साथ ही भाकियू के शीर्ष नेतृत्व से सलाह कर जिले में अब बड़ा आंदोलन चलाने की बात कही थी। श्री तोमर ने यह भी कहा था कि अगर जिला प्रशासन किसानों के खेतों में घूम रहे गुलदारों को पकड़ने में असमर्थता जताएगा तो अधिकारियों को ऑफिस में नही बैठने दिया जाएगा।

सभी की मांग थी कि डीएफओ के खिलाफ़ 302 का मुकदमा दर्ज होने या आदमखोर गुलदार को नरभक्षी घोषित कर आत्म रक्षा में गुलदार को मारने की परमिशन दिए जाने से पहले बॉडी नही उठने देंगे। धरना स्थल पर भाकियू मण्डल अध्यक्ष बाबूराम तोमर, युवा जिला अध्यक्ष वरिंदर सिंह बाठ, पूर्व जिला महासचिव नरदेव सिंह, कोतवाली ब्लॉक के पूर्व अध्यक्ष बलजीत सिंह और युवा तहसील अध्यक्ष सोनू विर्क, युवा ब्लॉक अध्यक्ष रोहित राणा, पुनीत तुशियार, अजय बालियान, धर्मेंद्र कुमार, रामभजन, ब्रमपाल सिंह, शुभम सिंह, होशियार सिंह, राजीव चौहान, विपिन कुमार, विवेक कुमार, शुभम, बंटी चौधरी, जयप्रकाश प्रजापति, निपंदर चौधरी, दिग्विविज सिंह, इमरान भाई, भोले चौधरी, दवंदर सिंह, शोवीर सिंह, विजय सिंह, आशीष चौधरी आदि रहें। घटना की सूचना पर एसडीएम नगीना शैलेंद्र कुमार, एसपी देहात राम अर्ज, नजीबाबाद पुलिस सीओ गजेंद्र सिंह, आदि ने पहुंच कर बॉडी को पोस्ट मार्टम कराने का प्रयास किया परंतु भाकियू ने अपनी मांगे पूरी होने तक अपना आंदोलन चलाने की घोषणा कर दी। आज प्रातः तक अधिकारियों के कानों पर कोई जूं न रेंगते देख मृतक की डेड बॉडी कलेक्ट्रेट में रखकर धरना प्रदर्शन करने की घोषणा कर दी गई। इस घोषणा से घबराकर प्रशासन ने तत्काल गुलदार को नरभक्षी घोषित कर दिया। प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव उत्तर प्रदेश लखनऊ के कार्यालय से वन संरक्षक मुरादाबाद को जारी पत्र में कहा गया है कि डीएफओ बिजनौर के अनुरोध पर गुलदार को नरभक्षी घोषित किया जाता है तथा समस्त नियमों का पालन करते हुए नरभक्षी गुलदार को निष्क्रिय करने की अनुमति प्रदान की जाती है।

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