आखिर क्या चल रहा है सिंधिया के मन में? हर दौरे में क्यों चौंका देते हैं ज्योतिरादित्य

भाजपा का दामन थामने के बाद से ‘महाराज’ बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के वो रूप देखने को मिल रहे हैं, जो कांग्रेस में रहते हुए कभी नहीं दिखे। इन दिनों ‘महाराज’ का बिल्कुल ‘मामा’ अवतार नजर आ रहा है। बदले हुए मिजाज को देखकर ये कह सकते हैं कि सिंधिया अब शिवराज की राह चल रहे हैं, लेकिन ये सब यूं ही नहीं है। आखिर सिंधिया के मन में क्या चल रहा है? क्या सिंधिया अपनी ‘महाराज’ वाली छवि से बाहर आना चाहते हैं? शायद इसलिए वो जनता के बीच जाकर उनके दिलों में जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ‘शिवराज पथ’ पर चलकर अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने में जुटे हैं। सिंधिया की आए दिन सामने आ रही तस्वीरें तो यही बयां कर रही हैं। इसने दूसरे नेताओं की धड़कनें तेज कर दी हैं, क्योंकि वे एमपी में अगले चुनाव के लिए अहम दावेदार बताए जा रहे हैं।

ग्वालियर में हाल ही में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जब झाड़ू हाथ में लेकर सड़कों पर उतरे तो हर कोई उन्हें देखता रह गया। ग्वालियर में ये पहली बार था जब सिंधिया राजघराने से किसी ‘महाराज’ ने सड़क पर झाड़ू लगाई। उन्होंने सफाईकर्मियों का सम्मान भी किया। यही नहीं, सफाईकर्मी के पैर भी छूते नजर आए। उसी तरह, जिस तरह 5 मार्च को अपने जन्मदिन पर सीएम शिवराज सिंह ने भी सफाईकर्मियों के पैर धोए थे। साथ ही, सड़क पर उतरकर झाड़ू लगाई थी। शिवराज की ऐसी तस्वीरें तो अकसर सामने आती रही हैं। जब वो हाथ में झाड़ू थामे साफ-सफाई करते नजर आए हैं। अब सिंधिया भी उनकी राह चल दिए हैं। उन्होंने हाथ में झाड़ू लेकर ग्वालियर की सड़कों पर साफ-सफाई की। इससे पहले सिंधिया सफाईकर्मियों के साथ अपने मंत्रालय की सफाई भी करते नजर आए थे।

सीएम शिवराज सिंह की तरह ही सिंधिया भी जनता के बीच जा रहे हैं। उनके साथ खड़े हो रहे हैं, बैठ रहे हैं, कभी नाच रहे हैं, कभी गा रहे हैं। ग्वालियर में भी जब सिंधिया कुम्हार के साथ जमीन पर बैठकर चाक चलाने लगे और दीया बनाने लगे तो आश्चर्य नहीं हुआ। ये उनका पब्लिक से सीधे कनेक्ट होने की रणनीति का हिस्सा ही है। सीएम शिवराज सिंह ने भी पिछले साल अक्टूबर में खजुराहो में एक कुम्हार के घर दीये बनाए थे। साथ ही उनके घर भोजन भी किया था। सिंधिया इसी राह पर चलते नजर आए।

सीएम शिवराज अकसर संतों की शरण में नजर आते रहते हैं, उनसे आशीर्वाद लेते रहते हैं। यही वजह है कि जनता के बीच उनकी छवि धर्म प्रेमी की है। वह इस रूप में भी खासे लोकप्रिय भी हैं। सिंधिया भी अब कुछ इसी अंदाज में नजर आ रहे हैं। ग्वालियर में वह प्रख्यात कथावाचक रमेश भाई ओझा की कथा सुनने पहुंचे। सिंधिया यहां जमीन पर बैठकर कथा सुनी। वह इससे पहले हाल ही में वे ग्वालियर में जैन मुनि विहर्ष सागर महाराज का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे। जहां जैन मुनि ने ना केवल सिंधिया को आशीर्वाद दिया, बल्कि उन्हें भविष्य का मुख्यमंत्री भी बता दिया था।

सीएम शिवराज सिंह प्रदेश के किसी भी हिस्से में जाते हैं, तो वहां की संस्कृति में ढल जाते हैं। वहां की वेशभूषा पहन लेते हैं। लोगों के साथ थिरक लेते हैं। गा लेते हैं। शिवराज सिंह की यही कला लोगों को टच कर जाती है। अब सिंधिया भी शिवराज का यही फॉर्मूला अपना रहे हैं। उपचुनाव के दौरान सिंधिया जब प्रचार करने बुरहानपुर पहुंचे थे, तो वहां उन्होंने आदिवासी कलाकारों के साथ जमकर डांस किया था। उनकी इस तस्वीर ने भी खूब सुर्खियां बंटोरी थीं।

सीएम शिवराज जनता से सीधे संवाद करते हैं। अकसर उन्हें लोगों के बीच जाकर उनके साथ संवाद करते देखा जा सकता है। उनके दुख दर्द सुनते देखा जा सकता है। सिंधिया भी ऐसा ही करते नजर आ रहे हैं। हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया जब ग्वालियर में संजीवनी क्लिनिक का जायजा लेने पहुंचे थे, तो एक मरीज उन्हें पहचान नहीं पाया। जिसके बाद सिंधिया ने उसे गले लगाकर अपना परिचय दिया। सिंधिया कोविड मरीज से वीडियो कॉन्फ्रेंस से बात भी करते नजर आए थे। तब मरीज ने कहा था कि सिंधिया से बात हो रही है तो ऐसी बीमारी रोज आए।

सिंधिया के मन में क्या?
कांग्रेस छोड़कर आए ज्योतिरादित्य सिंधिया अब पूरी तरह बीजेपी में घुल मिल गए हैं। पार्टी में उनका कद लगातार बढ़ रहा है। सिंधिया अब जनता के बीच भी अपनी लोकप्रियता का ग्राफ बढ़ाने में लगे हैं। जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ और मजबूत करने में जुटे हैं। इसके लिए उन्होंने ‘शिवराज पथ’ अपनाया है। तो क्या सिंधिया शिवराज की राह चलकर उस मुकाम तक पहुंच पाएंगे। जिस मुकाम पर आज सीएम शिवराज सिंह हैं।

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