अयोध्या : डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय का 27वाँ दीक्षांत समारोह संपन्न

अयोध्या। डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में आज 27वाँ दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला हिमाचल प्रदेश के पूर्व कुलपति प्रोफेसर कुलदीप चंद अग्निहोत्री मौजूद रहे वहीं पर विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्यमंत्री उच्च शिक्षा श्रीमती रजनी तिवारी मौजूद रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत प्रदेश के राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल को फूलों से बने इत्र को भेंटकर, मुख्यअतिथि कुलदीप चंद अग्निहोत्री व प्रदेश की राज्य उच्च शिक्षामंत्री श्रीमती रजनी तिवारी को अंगवस्त्र भेंट कर हुई। कार्यक्रम में प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों की भी शिरकत को सुनिश्चित किया गया बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए विद्यालय प्रशासन द्वारा उनकी उपस्थिति को सुनिश्चित कराने का कार्य किया गया साथ ही बच्चों को बैग भेंट कर शिक्षा के क्षेत्र में उनके मनोबल को बढ़ाने का कार्य किया गया इसी क्रम में विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आमंत्रित करते हुए 16 प्रकार के उपयोगी उपकरण भी प्रदान किए गये।

कार्यक्रम की शुरुआत में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफ़ेसर प्रतिभा गोयल के द्वारा राज्यपाल की अनुमति पर विश्वविद्यालय के बारे में संक्षेप विवरण प्रस्तुत किया गया जिसमें उनके द्वारा विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ-साथ वर्तमान समय में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया गया उनके द्वारा बताया गया प्रदेश के 7 जनपदों अयोध्या, अंबेडकर नगर,गोंडा, बहराइच, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अमेठी के कुल 764 महाविद्यालय व संस्थान संबंध है जिसमें सात राजकीय 20 अनुदानित व 36 विधि तथा 664 स्ववित्तपोषित महाविद्यालय हैं इसके अतिरिक्त 6 मेडिकल कॉलेज,4 डेंटल और 21 नर्सिंग कॉलेज भी विश्वविद्यालय से संबंध है महामहिम को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति के द्वारा बताया गया।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों को विश्वविद्यालय द्वारा स्नातक परास्नातक और शोध पाठ्यक्रमों में पूर्ण रूप से लागू किया जा चुका है साथ में रोजगार परक कौशल विकास केंद्र स्थापित करने की दिशा में विश्वविद्यालय आगे बढ़ रहा है कुलपति द्वारा बताया गया विश्वविद्यालय की प्राथमिकताओं में “अर्न व्हाईल यू लर्न” के अंतर्गत विद्यार्थियों द्वारा निर्मित हैंडीक्राफ्ट सामग्रियों पेंटिंग्स मूर्तियों फैब्रिक वर्ग इत्यादि की शो-केसिंग के लिए एक संग्रहालय बनाने के साथ-साथ इनकी बिक्री के लिए “हुनर हाट” की स्थापना की दिशा में विश्वविद्यालय क्रियाशील है उनके द्वारा बताया गया परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले समस्त विद्यार्थियों के सापेक्ष छात्राओं की प्रतिशत संख्या 56.26% है तथा समारोह में संबंधित पाठ्यक्रम को सर्वोच्च अंको से उत्तीर्ण करने वाली 127 स्वर्ण पदक प्राप्त कर्ताओं में 82 छात्राएं हैं जोकि कुल संख्या का 64.56% है। इसी क्रम में कुलपति प्रोफेसर प्रतिभा गोयल द्वारा बताया गया विश्वविद्यालय के द्वारा तमाम सामाजिक संदर्भों के साथ-साथ अन्य दिशाओं में भी महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं।

इसी क्रम में मुख्य अतिथि प्रोफेसर कुलदीप चंद अग्निहोत्री नें सभागार में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा दीक्षा कार्यक्रम कोई आधुनिक कार्यक्रम नहीं है बल भारतीय संस्कृति और सभ्यता के इतिहास में दीक्षा कार्यक्रम के उदाहरण पहले से ही मौजूद है उनके द्वारा बताया गया सन 1956 में भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा एक बौद्ध भिक्षु सी सार्वजनिक रूप से दीक्षा ली गई थी कालांतर में उस स्थान का नाम दीक्षा भूमि के रूप में प्रसिद्ध हुआ उनके द्वारा अपने संबोधन में लोगों को बताया गया अंग्रेजो के द्वारा समय-समय पर भारतीय संस्कृत व सभ्यता पर आधारित शिक्षा को तहस-नहस कर भारतीय इतिहास को गलत रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाता रहा जिसके साथ एक भारतीयों के द्वारा नए हालात के अनुकूल भारतीय शिक्षा पद्धति का प्रयोग किया गया ।

बंगाल में शांति निकेतन की स्थापना रविंद्र नाथ ठाकुर के द्वारा की गई वहीं पर लाला लाजपत राय के द्वारा लाहौर में 1921 में नेशनल कॉलेज व मदन मोहन मालवीय के द्वारा वाराणसी में 1916 में काशी हिंदू विश्वविद्यालय शुरू किया गया और तमाम ऐसे प्रयास भारतीय संस्कृति और सभ्यता के रक्षार्थ तमाम आंदोलनकारियों के द्वारा किए गए। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के समक्ष संबोधन में उनके द्वारा कहा गया शिक्षा के क्षेत्र में गोल्ड मेडल प्राप्त कर संघर्ष भरे वास्तविक जीवन में प्रवेश करते हुए भारतीय संस्कृति व सभ्यता को देश-विदेश में प्रचारित व प्रसारित कर देश का नाम रोशन करना ही आज उनके द्वारा उन विद्यार्थियों को दी गई वास्तविक दीक्षा है।

कार्यक्रम के अंत में प्रदेश की राज्यपाल महामहिम आनंदीबेन पटेल के द्वारा संबोधन में गोल्ड मेडल प्राप्त छात्रों को बधाई के साथ साथ उन छात्रों को भी बधाई दी गई जो मन और मस्तिष्क को स्वस्थ रखते हुए भारतीय संस्कृति और सभ्यता को देश विदेश में फैला कर देश का नाम रोशन करने की अभिलाषा रखते हैं उनके द्वारा छात्रों को नसीहत भी दी गई स्वस्थ मस्तिष्क के विकास के लिए स्वस्थ शरीर का होना भी आवश्यक है इसलिए विद्यार्थियों को अपने स्वास्थ्य पर भी महत्वपूर्ण ध्यान देना चाहिए जिससे वह जीवन की वास्तविक संघर्षों पर विजय प्राप्त कर देशहित के काम आ सके महामहिम के द्वारा बताया गया नारी सशक्तिकरण के उद्देश्य से सरकार के द्वारा व उनके व्यक्तिगत द्वारा मिशन शक्ति के अन्तर्गत देश और प्रदेश की नदियों को मजबूत स्थिति में लाने का प्रयास किया जा रहा है ।

उनके द्वारा यह भी बताया गया प्रदेश के 32 विश्वविद्यालयों में 6 महिला कुलपतियों की नियुक्ति उनके द्वारा की गई है विश्वविद्यालय द्वारा सोनिया बिहारीपुर ग्राम पंचायत के गोद लिए गए 11 गांव के साथ-साथ अन्य गांव में भी किस विद्यालय द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित किए जाने पर व गोद लिए गए गांव की ग्रामीण महिलाओं एवं पुरुषों के लिए ऑर्गेनिक खेती फूलों की खेती सिलाई मधुमक्खी पालन निश प्रयोजन सामग्री से सजावटी सामान बनाने के संबंध में विभिन्न कार्यशाला के आयोजन पर महामहिम राज्यपाल द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन सराहना की गई
अंत में राष्ट्रगान के साथ महामहिम राज्यपाल की अनुमति से विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर प्रतिभा गोयल के द्वारा कार्यक्रम के समापन की घोषणा की गई।

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