बहराइच : मिशन इंद्रधनुष 5.0 के तीसरे चरण को तैयार हुए स्वास्थ्य कार्यकर्ता

बहराइच l सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 के सफल संचालन के लिए शुक्रवार को सीएमओ सभागार में एक संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एसके सिंह ने बताया कि शून्य से पाँच साल तक की आयु के बच्चे और गर्भवती जो किसी कारणवश नियमित टीकाकरण से छूट गए हैं उन्हें पूर्ण प्रतिरक्षित करने के लिये नौ से 14 अक्टूबर तक सघन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) 5.0 चलाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि जनपद में टीका लगवाने से इन्कार लगभग 1400 परिवारों को राजी करने के लिए ब्लॉक रेस्पोंस टीम का गठन किया गया है जो टीकाकरण सत्रों पर मौजूद रहेंगे और चिन्हित परिवारों को छूटे हुए टीके लगवाने में टीम की मदद करेंगे । उन्होंने बताया सम्पूर्ण टीकाकरण सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है।  इसके लिए सघन मिशन इन्द्रधनुष 5.0  का आयोजन तीन चरणों में किया जा रहा है।  इसका पहला चरण सात से 2 अगस्त,  दूसरा चरण 11 से 16 सितम्बर तक आयोजित किया गया था  ।  इसके तीसरे और अंतिम चरण का आयोजन नौ से-14 अक्टूबर  तक किया जाएगा। इसके लिए  3300 से अधिक सत्रों का आयोजन कर छूटे हुए कुल 44 हजार टीके बच्चों और गर्भवती को लगाए जाएंगे।

सर्विलान्स मेडिकल ऑफिसर डबल्यूएचओ विपिन लिखोरे ने बताया कि दिसम्बर 23 तक मीजल्स-रुबेला(एमआर)  के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है । इसके लिए 95 फीसदी बच्चों को एमआर का टीका अगले तीन माह के अंदर आच्छादित किया जाना है । इसके अलावा सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में ओपीडी के दौरान गलाघोंटू व काली खांसी की निगरानी भी चिकित्सकों द्वारा की जाएगी । लक्षण मिलने पर चिकित्सक मरीजों की सूचना तत्काल जिला प्रतिरक्षण अधिकारी या सर्विलान्स मेडिकल ऑफिसर डबल्यूएचओ को देंगे । ताकि समय रहते बीमारी के प्रसार को रोका जा सके ।

समय से लगवाएँ टीका –

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संतोष राना ने कहा कि टीकाकरण 13 प्रकार की बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। इनमें टीबी, पोलियो, हेपेटाइटिस बी. डिप्थीरिया, टिटनेस, मीजल्स, परट्यूटिस (काली खांसी), रूबेला, निमोनिया, वायरल डायरिया, जेई , हेपटाइटिस टाईप बी और रोटा से बचाने के टीके शामिल हैं। शत प्रतिशत इन टीकों का लाभ मिले इसके लिए सही समय पर टीका लगवाने पर ध्यान देना चाहिए। इसमें शिशु जन्म के साथ ही पांच वर्ष की आयु तक बच्चों को समय समय पर 7 बार टीके लगाये जाते हैं। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान चार सप्ताह के अन्तराल पर टीडी के दो टीके लगाये जाते हैं। इस मौके पर यूनिसेफ के डीएमसी दिलीप मिश्रा सहित बीपीएम, बीसीपीएम सहित ब्लॉक रिस्पोंस टीम के सदस्य उपस्थित रहे।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें