‘बेगम जान’ सीरियल पर लगा बैन, फैला रहा था ‘लव जिहाद’ का जहर!

कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन इन दिनों लव जिहाद के नाम पर सुनियोजित साजिश रच रहे हैं. इसके लिए बाकयदा फंडिंग की जा रही है. मुस्लिम युवकों को ट्रेनिंग दी जा रही है. देश में कई जगहों पर लव जिहाद कैंप चलाए जा रहे हैं. इस बात का खुलासा उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हो चुका है. खबर ये भी है कि ‘लव जिहाद’ के लिए मुस्लिम संगठन फिल्मों और सीरियलों में भी भारी फंडिंग कर रहे हैं. ऐसे ही एक सीरियल पर असम सरकार ने कार्रवाई की है.

असम सरकार ने ‘बेगम जान’ नामक टीवी सीरियल के प्रसारण पर रोक लगा दी है. ये शो जुलाई 2020 से ही ‘रंगोली टीवी’ पर प्रसारित हो रहा था और काफी विवादों में भी रहा था. असम के टीवी चैनल पर प्रसारित होने वाले इस सीरियल को लेकर हिन्दुओं में भारी गुस्सा था. हिन्दू संगठनों का आरोप था कि ये शो ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा दे रहा है, इसीलिए इसे बैन होना चाहिए.

असम पुलिस ने केबल टेलीविजन रेगुलेशन एक्ट, 1995 के तहत किसी समुदाय की धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में इसके प्रसारण को प्रतिबंधित किया है. गुणजीत अधिकारी और ऑल असम ब्राह्मण यूथ काउंसिल, यूनाइटेड ट्रस्ट ऑफ असम व हिन्दू जागरण मंच ने इस शो को ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.

असमिया टीवी शो ‘बेगम जान’ में मुख्य भूमिका निभा रहीं प्रीति कोंगना ने दावा किया कि ये एक ऐसे परेशान हिन्दू महिला की कहानी है, जिसकी मदद के लिए एक मुस्लिम आगे आता है. ‘रंगोली टीवी’ के संचालन और प्रबंधन को देखने वाले कम्पनी एएम मीडिया के चेयरमैन और एमडी संजीव नारायण ने ‘लव जिहाद’ वाली बात नकारते हुए कहा कि शो में एक हिन्दू महिला किरदार और एक मुस्लिम किरदार मुख्य भूमिका में है, इसीलिए ये बातें की जा रही हैं.

उन्होंने कहा कि अपने राजनितिक एजेंडे के लिए लोग ऐसा आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोर्ट उन्हें राहत देती है तो ‘बेगम जान’ का प्रसारण फिर से शुरू हो जाएगा। प्रीति ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि इस शो में अभिनय करने के लिए उन्हें सोशल मीडिया पर बलात्कार और जान से मार डालने की धमकियों के साथ-साथ गाली दी जा रही है। वहीं शो के कंटेंट को लेकर सिविल सोसायटी, खासकर हिन्दू संगठन विरोध कर रहे हैं।

असम के तेजपुर सदर थाना को भेजे गए एक पत्र में आरोप लगाया गया है कि इस शो के माध्यम से हिन्दू धर्म के साथ-साथ असमिया संस्कृति को भी अपमानजनक ढंग से प्रदर्शित किया जा रहा है. पत्र में लिखा गया है कि ‘लव जिहाद’ एक ‘त्रासदी’ है, जिसे इस शो में वैध बना कर इसे बढ़ावा देने का प्रयास किया गया है. अंदेशा जताया गया है कि सामाजिक तनाव पैदा करने के लिए टीवी शो के निर्माताओं को इसके लिए फंडिंग मिली थी.

पत्र में मांग की गई है कि शो के निर्माता, निर्देशक और लेखक के खिलाफ कार्रवाई की जाए और इसे प्रतिबंधित करते हुए जांच शुरू की जाए. हिन्दू जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष मृणाल कुमार लश्कर ने बताया कि इस शो में ब्राह्मणों को निशाना बनाया गया है. उन्होंने कहा कि असम में पहले से ही ‘लव जिहाद’ के मामले आ रहे हैं, जो इस शो से बाद से बढ़ सकते हैं. जुलाई में भी शो के बॉयकॉट के लिए अभियान चला था.

असम पुलिस ने बताया है कि एक जिलास्तरीय मॉनिटरिंग कमिटी के समक्ष इस शो से सम्बंधित शिकायतों को रखा गया, जहां बड़े बहुमत से इसे प्रतिबंधित किए जाने का फैसला लिया गया, क्योंकि इससे सामाजिक ताना-बाना पर असर पड़ रहा था. साथ ही निर्माताओं को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया गया है. गुवाहाटी पुलिस कमिश्नर एमपी गुप्ता ने कहा कि पुलिस उन कार्यक्रमों के प्रसारण को रोक सकती है, जो घृणा या अशांति फैलाते हों.