बरेली: कोर्ट ने आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को भगोड़ा किया घोषित

बरेली : इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां आज (एक अप्रैल) को सेहत खराब होने के कारण जिला जज (डीजे कोर्ट) में पेश नहीं हो सके। जिसके चलते कोर्ट ने धारा 82 के तहत भगोड़ा घोषित किया है। इसके साथ ही मौलाना को 8 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। मौलाना को हाईकोर्ट के आदेश पर सोमवार को पेश होना था।

मगर, सेहत खराब होने के कारण पेश नहीं हो सके। इससे पहले 27 मार्च को मौलाना को पेश होना था। मगर, अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती हो गए थे। मौलाना के अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह 27 को कोर्ट में पेश होने आए थे। उन्होंने मौलाना की खराब सेहत का हवाला देकर डीजे कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। मगर, बरेली वार एसोसिएशन के एक अधिवक्ता का निधन होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी थी।अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह ने बताया कि धारा 82 का नोटिस होने की बात सामने आई है। मगर,अभी आदेश की कॉपी नहीं मिली है।

हाईकोर्ट के आदेश पर होना था पेश
मौलाना तौकीर रजा खां को हाई कोर्ट के आदेश पर कोर्ट में पेश होना था।उन्होंने कोर्ट के प्रति अपनी आस्था भी जताई थी। मगर, उनकी कुछ दिन पहले अचानक तबीयत खराब हो गई। वह बरेली के लिए अस्पताल में भर्ती थे। उनकी हालत गंभीर होने पर दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनके हार्ड में स्टैंड भी पढ़ चुके हैं। उनकी खराब स्वास्थ्य के चलते कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। इस मामले में एनवीडब्ल्यू भी जारी हो चुका है। पुलिस को मौलाना को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। जिसके चलते पुलिस काफी दिनों से उनकी तलाश में है। उनके घर पर नोटिस भी चस्पा किया जा चुका है।

डीजे कोर्ट से मिली थी बड़ी राहत
मौलाना तौकीर रजा खां को 21 मार्च को डीजे कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी। उनके केस को एडीजे फास्ट ट्रैक कोर्ट से डीजे कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। तौकीर रजा खां, और वर्ष 2010 के बरेली दंगे के अन्य आरोपियों से जुड़े मामले की सुनवाई अब बरेली जिला जज के कोर्ट में की जाएगी।अगली सुनवाई 8 अप्रैल को इस मामले में अगली सुनवाई 8 अप्रैल, 2024 को होगी। केस ट्रांसफर को प्रेमनगर निवासी शाहरुख की तरफ से आवेदन किया गया था।

शाहरुख के अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह ने बताया कि जिला जज न्यायालय (डीजे कोर्ट) में केस ट्रांसफर को 14 मार्च को आवेदन किया था। इसमें 16 मार्च को बहस हुई। इसके बाद 18 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया गया। 21 मार्च को डीजे ने फैसला सुनाया। अब डीजे विनोद कुमार की कोर्ट में केस की सुनवाई होगी। यह मामला एडीजी फास्ट ट्रैक कोर्ट में था। हाईकोर्ट के अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह ने बताया इस मामले में एक पक्षीय आदेश किए गया था।

किसी भी दिन पेश हो सकते हैं मौलाना

अधिवक्ता आशीष सिंह ने बताया कि मौलाना का पक्ष एनवीडब्ल्यू के खिलाफ हाईकोर्ट इलाहाबाद गया था। हाईकोर्ट इलाहाबाद ने 27 मार्च से पहले मौलाना को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया। इसलिए 27 से पहले किसी भी दिन मौलाना को कोर्ट में पेश होना था। मगर, सेहत खराब होने के कारण पेश नहीं हो सके। इस मामले में अगली सुनवाई 1 अप्रैल को होगी।

घर पर चस्पा किया गया नोटिस 18 मार्च को शहर के सौदागरान स्थित मौलाना के घर पर प्रेमनगर पुलिस के साथ कोतवाली पुलिस समन तामील कराने पहुंची थी। मगर, मौलाना का घर बंद मिला। गेट पर ताला लटका था। इसके बाद पुलिस ने दो गवाहों के बीच समन तामील कर गेट पर चस्पा किया।

इसमें आरोपी मौलाना का गैर ज़मानती वारंट लिखित रूप से चस्पा किया गया। नोटिस में सेक्शन 70 सीआर पीसी के तहत लिखा गया था कि सौदागरान निवासी मौलाना तौक़ीर रज़ा खां पुत्र रेहान रज़ा खा आरोपी हैं। मौलाना को 120 बी आईपीसी और अंडरसेक्शन-7 सीएल एक्ट और अंडर सेक्शन 3 के तहत सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने के मामले में प्रेम नगर पुलिस को गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया था। इसमें मौलाना को 19 मार्च तक कोर्ट में गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश दिया गया।

जानें क्या है मामला

आपको बता दें कि वर्ष 2010 के बरेली दंगे में अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट-प्रथम रवि कुमार दिवाकर ने मौलाना तौकीर रजा खां को बरेली दंगे का मास्टर माइंड बताया था। आरोपित को समन जारी करते हुए कहा कि 11 मार्च को उन्हें कोर्ट में तलब किया गया है। इसके बाद कोर्ट ने मौलाना तौकीर रजा खां को सूचना देने के लिए समन जारी किया।

इसके बाद से प्रेमनगर, और कोतवाली पुलिस उनके आवास के कई चक्कर लगा चुकी थी। मगर, समन तामील नहीं करा पाई। इसके बाद कोर्ट ने सीओ सिटी प्रथम को आदेश दिया कि 13 मार्च तक मौलाना को वारंट तामील कराकर कोर्ट में हाजिर करें। इसके साथ ही कोर्ट ने एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान को वारंट तामील कराकर 19 मार्च तक कोर्ट में हाजिर करने का आदेश दिया था। मगर,  अब केस ट्रांसफर हो गया है।

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