बरेली : सब कुछ समर्पित करने के बाद भी कस्बे में नहीं दिला पाए एक भी प्रत्याशी

दैनिक भास्कर ब्यूरो

बरेली : सेंथल का नाम हमेशा सुर्ख़ियों में रहा है चाहे वो मुख्यमंत्री के केक को लेकर हो या फिर निकाय चुनाव में भाजपा की दावेदारी को लेकर हों।भाजपा का उम्मीदवार बनकर चेयरमैन और अध्यक्ष बनने का सपना देख रहे भावी उम्मीदवारों का भ्रम तब टूटा जब सेंथल नगर पंचायत में भाजपा को चेयरमैन पद के लिए कोई प्रत्याशी ही नहीं मिला। जबकि थाना हाफिजगंज से सटे कस्बा सेंथल में पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के करीबी कहे जानें वाले अजमल हुसैन जैदी निवास करते है। वर्तमान में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी है। सूत्रों की मानें तों अजमल हुसैन ज़ैदी नें अपनी पूरी जिंदगी भाजपा को समर्पित कर दी। हैरत की बात है फिर भी भाजपा को अजमल हुसैन ज़ैदी के क्षेत्र में कोई भी योग्य प्रत्याशी नहीं मिला। जबकि खुद भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजमल ज़ैदी नें अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि भाजपा तो सबका साथ, सबका विकास का ध्येय लेकर चलती है।

उनका क्षेत्र शिया बहुल है और मुस्लिम बहुल आबादी में भाजपा के सबसे ज्यादा समर्थक सेंथल में है। उनका यह भी कहना था कि शिया बस्ती के लोगों नें कभी भाजपा से दूरी नहीं बनाई। जब ऐसा था तों आखिर क्या हुआ जो भाजपा अपने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजमल ज़ैदी की बात को दरकिनार कर गई। सेंथल में कुल 13809 मतदाता है जबकि 7072 पुरुष और 6737 महिलाएं है। जबकि सेंथल कस्बा उन दिनों भी चर्चा में रहा जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन था और 111 फिट विश्व का सबसे लंबा केक काटा गया। जिसमें सेंथल के पूर्व चेयरमैन आमिर जैदी नें खुद सीएम योगी के कार्यों से प्रभावित होकर केके काटने की बात कही थी।

हालांकि ये अलग बात है कि इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शिरकत नहीं की थी। लेकिन आसपास के सभी मंत्रियों ने कार्यक्रम में पहुंचकर भाजपा के विकास कार्यों को गिनाया था। सीएम योगी के कार्यो से प्रभावित हुए आमिर ज़ैदी मौजूदा समय में चेयरमैन पद के लिए निर्दलीय प्रत्याशी बनकर ताल ठोक रहे। अब सवाल ये उठता है कि भाजपा अपने इतने करीबियों को क्यों भूल गई क्या इनका वर्चस्व समाप्त हो चुका है। या फिर चुनावी नुकसान कम करने के लिए ऐसा किया गया।

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