बरेली : बाज़ार में एक्सपायरी डेट की कोल्ड ड्रिंक्स, आधा दर्ज़न बीमार, प्रशासन सुस्त

दैनिक भास्कर ब्यूरो,

बरेली। बाजार में खुलेआम गला तर करने के लिए एक्सपायरी डेट के प्रोडक्ट बेचकर आमजन को जहर परोसा जा रहा है। दुकानदार मुनाफा कमाने के लिए एक्सपायर कोल्ड ड्रिंक बेच रहे हैं। बीते दिनों मलूकपूर निवासी शादाब बेग शाइनर स्पोर्ट्स सोसाइटी चलाते है। उन्होंने स्पोर्ट्स क्लब की मीटिंग थी। इस बीच नाश्ते का इंतजाम किया गया।

जिसमें पास में बनी जनरल स्टोर गुड्डू सें 4 सें 5 माज़ा कोल्ड ड्रिंक की बोतल ली। जिसके बाद मीटिंग में खिलाड़ियों कों माज़ा परोसी गईं उसके बाद जब खिलाड़ियों की मीटिंग खत्म हुई। दूसरे दिन उनके आधे सें ज़्यादा खिलाडी बीमार हो गए। कई खिलाड़ियों के पेट खराब होने के साथ ही उल्टी-दस्त की शिकायत हुई। इस बीच शाइनर स्पोर्ट्स के अध्यक्ष शादाब बेग नें बाक़ी बची माज़ा बोतल की जांच की तब पता चला माजा की कोल्ड ड्रिंक एक्सपायर हो चुकी थी। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत पास के दुकानदार से की।

दुकानदार ने शादाब को बोतल पर लिखे टोल फ्री नंबर पर शिकायत करने कों कहा जिस पर शादाब नें टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराई। जिस पर जल्द जांच के लिए टीम भेजकर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। जब कई दिन बीत गए और जांच के नाम पर कोई टीम नहीं आई तब उन्होंने खाद्य विभाग में शिकायत की। वही शादाब बताते है माज़ा कोल्ड ड्रिंक की एक्सपायरी को दो माह बीत चुके थे। जबकि बोतलों पर साफ लिखा हुआ है कि कोल्डड्रिंक की बनने के तीन माह बाद बिक्री नहीं की जा सकती है। बावजूद इसके कई जगह ऐसी कोल्ड ड्रिंक बिक रही है, जिनकी मैन्युफैक्चरिंग डेट पांच से छह माह पहले की है। इस तरह अवधिपार कोल्ड ड्रिंक बेचना नियम विरुद्ध तो ही है, साथ ही स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है।

वहीं खाद्य अधिकारी द्वितीय ने स्वस्थ रवैया दिखाते हुए कहा सामग्री जांचने के लिए बोतल पर लिखे पते पर शिकायत भेजी गई थी।पता ठीक नहीं था इस वजह से पत्र वापस आ गया। लेकिन मुझे पद ग्रहण किये हुए अभी चार माह हुए है और वो सिर्फ शिकायत पर जांच करते हैं। इसका मतलब यह है कि शहर में जो माज़ा बेची जा रही है वह पूरी तरह से फर्जी भेजी जा रही है। और खाद्य विभाग इस पर कोई कार्रवाई नहीं करना चाहेगा।

वर्जन….
वही खाद्य अधिकारी द्वितीय अपूर्व श्रीवास्तव का कहना है मामला संज्ञान में आने पर शिकायतकर्ता की शिकायत पर माज़ा की बोतल पर लिखे पते पर पत्र लिखकर जांच के लिए भेजा गया था। लेकिन बोतल पर लिखा गया पता ठीक नहीं था। जिसकी वजह से शिकायत वापस आ गई।

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