चुनावी परिणाम से पहले कांग्रेस को विधायकों की तोड़-फोड़ का डर, जानें गुप-चुप क्या बना संकटमोचक प्लान

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम भले ही 10 मार्च को आएंगे, लेकिन एग्जिट पोल के जरिए एक तस्वीर जरूर सामने आ चुकी है। ऐसे में राजनीतिक दलों ने अपनी अगली रणनीति पर काम करना भी शुरू कर दिया है।

खास तौर पर कांग्रेस के लिए आने वाला वक्त काफी अहम है, क्योंकि गोवा और उत्तराखंड जैसे राज्यों में कांग्रेस बीजेपी को कड़ी टक्कर देती दिख रही है। ऐसे में अपने पिछले अनुभवों से सीख लेते हुए कांग्रेस इस बार किसी भी तरह की लापरवाही से बचना चाहेगी।

दरअसल पिछली बार गोवा में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह सोते रह गए थे और बीजेपी ने निर्दलीय विधायकों समेत कांग्रेस के कुछ एमएलए को तोड़कर कम सीटों के बाद भी अपनी सरकार बना ली थी। लिहाजा इस बार कांग्रेस ने नतीजे आने से पहले बैकअप प्लान बना लिया है। वहीं कांग्रेस ने कर्नाटक के संकटमोचक डीके शिवकुमार को भी गोवा जाने का निर्देश दिया है।

कांग्रेस ने नेताओं को चुनावी राज्यों में भेजा

2017 के गोवा चुनाव के बाद कांग्रेस की सुस्त चाल ने उससे सत्ता की चाबी छीन ली। बीजेपी की सतर्कता और सटीक नेतृत्व के दम पर उन्होंने कम सीट होने के बाद भी गोवा में अपनी सरकार बना ली। इसी से सबक लेते हुए, कांग्रेस ने पहले ही अपने बड़े नेताओं को चुनावी राज्यों में भेज दिया है। गोवा पर्यवेक्षक पी चिदंबरम और एआईसीसी प्रभारी दिनेश राव रविवार से राज्य में डेरा डाले हुए हैं।

कांग्रेस नहीं दिखाएगी सुस्ती

कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की मानें तो इस बार कांग्रेस किसी भी तरह की लापरवाही या सुस्ती नहीं दिखाएगी। इस बार जल्द फैसला लिया जाएगा। हम सभी पार्टी उम्मीदवारों से मिल रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी को लूप में रखा जाए।

भाजपा की रणनीति पर कांग्रेस की नजर

गुंडु राव ने बताया कि, हम अपने विधायकों को एक सुरक्षित क्षेत्र में स्थानांतरित करने के बारे में सोच रहे हैं। अगर किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलता है, तो हम विधायकों को हथियाने की भाजपा की रणनीति के बारे में जानते हैं।

राहुल ने किया बैकअप प्लान

दरअसल पिछले हफ्ते, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव के बाद की रणनीति तैयार करने के लिए पार्टी के गोवा नेतृत्व से मुलाकात की थी। इसके बाद भी उन्होंने आगे के लिए बैकअप प्लान तैयार किया

गोवा जाएगे संकटमोचक डीके

गोवा पर एग्जिट पोल के नतीजों के बाद कांग्रेस आलाकमान ने कर्नाटक को संकटमोचक माने जाने वाले डीके शिवकुमार को गोवा जाने का निर्देश दिया है। दरअसल एग्जिट पोल ने गोवा में खंडित जनादेश की भविष्यवाणी की थी। ऐसे में ये माना जा रहा है कि एक बार फिर गोवा रिसॉर्ट राजनीति का गवाह बन सकता है।

विधायकों ने ली वफादारी की शपथ

बता दें कि कर्नाटक कांग्रेस के नेता दिनेश राव गोवा के प्रभारी हैं। गोवा कांग्रेस उम्मीदवारों ने चुनाव से पहले ली वफादारी की शपथ भी ली है। दिनेश राव मंगलवार रात विशेष विमान से गोवा के लिए रवाना होंगे।

राव ने कहा कि कांग्रेस राज्य में अगली सरकार बनाने के लिए आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन को स्वीकार करने के लिए तैयार है।

कांग्रेस को बहुमत मिलने का भरोसा

कांग्रेस ने पार्टी के विधायकों का नेतृत्व करने के लिए गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत को शॉर्टलिस्ट किया है। कामत की मानें तो कांग्रेस को बहुमत मिलने का भरोसा है। लेकिन अगर बहुमत नहीं मिलता है तो ऐसी स्थिति से निपटने के लिए गैर-भाजपा दलों के साथ बैक-चैनल वार्ता पहले से ही चल रही है।

भूपेश बघेल के हाथ में उत्तराखंड की गद्दी

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर भी अहम जिम्मेदारी है। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद उत्तराखंड मामलों को संभालने के लिए उन्हें प्रभार दिया गया है। उत्तराखंड में, जहां पार्टी बहुमत हासिल करने की उम्मीद कर रही है, बघेल परिणाम के बाद प्रबंधन रणनीति के लिए कार्यभार संभालेंगे।

वरिष्ठ नेताओं को परिणामों के आधार पर त्वरित निर्णय लेने के लिए सभी चुनावी राज्यों में भेजा गया है। विभिन्न संभावित परिदृश्यों को ध्यान में रखते हुए रणनीति तैयार की गई है।

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