
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना 5वां और देश का 75वां बजट पेश कर रही हैं। सीतारमण ने कहा कि यह अमृतकाल का पहला बजट है, जो पिछले बजट में खड़ी की गई नींव पर पड़ा है। हम ऐसा भारत चाहते हैं, जहां महिलाओं, किसानों, अनुसूचित जाति समेत सभी को जगह मिले।
वैसे भी निर्मला सीतारमण पिछले 4 बजट में कुछ न कुछ नया करती आई हैं। चाहे वो ब्रीफकेस से बही-खाता हो, पेपर लेस बजट हो या फिर सबसे लंबा बजट भाषण। इस बार का पता नहीं। कुछ खास हो सकता है।
वजह तीन हैं…
1. इस साल 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं।
2. अगले साल लोकसभा चुनाव है, तो उससे पहले ये आखिरी फुल बजट है।
3. सरकार के पास देश को बताने और जताने का बड़ा इंस्ट्रूमेंट होता है बजट।
अब बजट स्पीच अपडेट्स…
#WATCH | Union Minister of Finance and Corporate Affairs Nirmala Sitharaman, MoS Dr Bhagwat Kishanrao Karad, MoS Pankaj Chaudhary and senior officials of the Ministry of Finance called on President Droupadi Murmu at Rashtrapati Bhavan before presenting the #UnionBudget2023, today pic.twitter.com/f3XjyQh46v
— ANI (@ANI) February 1, 2023
- अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर: भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ रही है।
- गरीबों को राशन दिया: 28 महीने तक तक गरीबों को मुफ्त अनाज: कोविड महामारी के दौरान हमने यह निश्चित किया कि कोई भूखा न सोए। हमने 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 28 महीने तक मुफ्त राशन दिया।
- प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हुई: 2014 से ही सरकार की कोशिश लोगों की जिंदगी को बहेतर बनाना और क्वालिटी देना रहा है। प्रतिव्यक्ति आय 1.97 लाख यानी दोगुने से ज्यादा हो गई है। दुनिया भारत को चमकदार सितारे की तरह देख रही है। ग्लोबल स्लोडाउन के चलते हमारी विकास दर 7% रही है। बाकी देशों की तुलना में सबसे मजबूत है।
अब उम्मीदों वाली बात…
1. इनकम टैक्स: 8 साल हुए, तब से कुछ नहीं बदला। तो इस बार टैक्स में छूट का दायरा बढ़ सकता है। बात आखिर 8 करोड़ से ज्यादा टैक्स पेयर्स की है।
Union Minister of Finance and Corporate Affairs Nirmala Sitharaman, MoS Dr Bhagwat Kishanrao Karad, MoS Pankaj Chaudhary and senior officials of the Ministry of Finance called on President Droupadi Murmu at Rashtrapati Bhavan before presenting the Union Budget 2023-24. pic.twitter.com/S9GJiDG1aw
— ANI (@ANI) February 1, 2023
2014 में छूट की सीमा ढाई लाख की गई थी। इसे 5 लाख किया जा सकता है। छूट बढ़ी तो लोअर इनकम क्लास को राहत मिलेगी। बाजार में भी चंद पैसे आएंगे। इकोनॉमी को सपोर्ट मिल सकता है।
2. महंगाई: गैस सिलेंडर 1100 रुपए का हो चुका है। कुछ जाने-माने लोग कह रहे हैं कि इनकी कीमतें कम करने का इंतजाम हो सकता है। उज्ज्वला योजना 9.58 करोड़ लोगों के पास है। इन्हें एक सिलेंडर पर 200 रुपए की सब्सिडी पिछले साल मई से दी जा रही है। इसे एक साल और बढ़ाया जा सकता है।
3. रोजगार और एजुकेशन लोन: बेरोजगारी पर कुछ बड़ा कहा जा सकता है। छोटे और मझोले उद्योगों के लिए ऐलान किए जा सकते हैं। मनरेगा को मिलने वाला पैसा भी इस साल बढ़ाए जाने की उम्मीद है। इन्फ्रास्ट्रक्चर का बजट बढ़ाने से भी रोजगार पैदा होंगे।
आत्म निर्भर भारत योजना (ABRY) के तहत 50.85 लाख नौकरियां पिछले साल दी जानी थी। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, टारगेट से 28% ज्यादा यानी 70 लाख नौकरियां दी गईं। इस पर फोकस बढ़ा तो इस साल नतीजे बेहतर हो सकते हैं। एजुकेशन लोन के सस्ते होने की फिलहाल कोई उम्मीद नहीं है।
4. स्मार्ट फोन: मोबाइल फोन बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले आइटम्स पर इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट ड्यूटी घटी तो अप्रैल के बाद मोबाइल खरीदना सस्ता हो सकता है। मार्केट की भी यही डिमांड है।
मार्केट तो यह भी मांग कर रहा है कि मोबाइल पर GST 18% से घटाकर 12% कर दी जाए, क्योंकि जब इसे 18% किया गया था तो 10 हजार वाले मोबाइल की कीमत 11 हजार 800 तक पहुंच गई थी। सरकार भी डिमांड मान सकती है।
पिछले साल ईयरफोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक आइटम पर कस्टम ड्यूटी बढ़ी तो ये प्रोडक्ट्स महंगे हो गए। इस पर रियायत के आसार कम हैं, क्योंकि सरकार चाहती है कि ऐसे प्रोजेक्ट की घरेलू मैन्युफैक्चरिंग मजबूत हो।
5. हेल्थ सेक्टर: एक्सपर्ट का कहना है कि कोविड के बाद बीमा, वैक्सीन, टेक्नोलॉजी और रिसर्च एंड डेवलपमेंट को ज्यादा मजबूत करना ही होगा। ऐसे में सरकार हेल्थ बजट में 20-30% की बढ़ोतरी कर सकती है। पिछले साल स्वास्थ्य मंत्रालय को 86 हजार 200 करोड़ दिए गए थे।
इस बार हेल्थ इंश्योरेंस का दायरा बढ़ाने के लिए इसे किफायती बनाया जा सकता है। इसके लिए इंश्योरेंस पर लगने वाली GST को 18% से घटाकर 5% किया जा सकता है।